खबर लहरिया Blog किसानों ने आंदोलन में तीव्रता के लिए 4 कार्यक्रमों की करी शुरुआत, आज से राजस्थान में टोल प्लाज़ा फ्री

किसानों ने आंदोलन में तीव्रता के लिए 4 कार्यक्रमों की करी शुरुआत, आज से राजस्थान में टोल प्लाज़ा फ्री

Farmers start 4 programs to intensify movement

दिल्ली में तीन कृषि कानूनों के विरोध में आज किसानों के आंदोलन को 79 दिन हो गए हैं। इसके साथ-साथ किसानों ने अपने आंदोलन को तेज़ करने की भी ठान ली है। किसानों द्वारा एक हफ़्ते के कार्यक्रम की सूची तैयार की गयी है, जिसकी शुरुआत आज से हो चुकी है। जानकारी के अनुसार, किसानों द्बारा राजस्थान के सभी टोल प्लाजा को आज से टोल फ्री कर दिया जाएगा। नवंबर के महीने से किसानों द्वारा दिल्ली के हर टोल प्लाजा पर कब्ज़ा किया गया है। जिसमें किसानों द्वारा आने-जाने वाले वाहनों को बिना टोल टैक्स दिए ही जाने दिया जा रहा था। कहा जा रहा है कि इसकी वजह से केंद्र और अन्य राज्य की सरकारें काफ़ी बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। सरकार अब सभी टोल प्लाजा को अपने कब्जे में लेने की कोशिश में है। 

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किसानों द्वारा निश्चित किये गए 4 कार्यक्रम

– 12 फरवरी को राजस्थान के सभी टोल प्लाजा को फ्री करना। जिसकी शुरुआत आज से हो चुकी है।

– 14 फरवरी को पुलवामा हमले में शहीद जवानों की याद में कैंडल मार्च के साथ अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 

– 16 फरवरी को सर छोटू राम की जयंती बनाई जाएगी। इन्हें किसानों के मसीहाकी उपाधि दी गयी है जिन्होंने किसान समर्थक कानूनों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

– 18 फरवरी को किसानों द्वारा पूरे देशभर में ट्रेन रोको आंदोलन चलाया जाएगा। जिसके तहत वह दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक ट्रेनों को रोकेंगे। किसान नेता दर्शन पाल ने इस बात को अपने एक बयान में कहा था। 

कृषि बिल से सुधार नहीं, बाज़ार होगा बर्बाद – योगेंद्र यादव

Farmers start 4 programs to intensify movement

स्वराज इंडिया और संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने वीरवार 11 फरवरी को सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि तीन कृषि बिल से कृषि बाज़ार में कोई सुधार नहीं होगा बल्कि इससे अधिकतर बिचौलिए मंडी में प्रवेश कर पाएंगे। 

यादव द्वारा अपने बयान में सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल रहे वीडियो की बात की। उन्होंने कहा कि वीडियो को ट्रॉल्स द्वारा प्रसारित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा वीडियो के जरिये यह संदेश देना चाहती है कि कृषि प्रस्ताव की कोई नींव नहीं है और केंद्र सरकार पहले ही किसानों के मुद्दे को संबोधित कर चुकी है। 

अपने 2018 के वीडियो में यादव ने कहा था ” किसानों और उपभोक्ताओं के बीच सात परते हैं। उन परतों को कम किया जाना चाहिए। सरकार को कई बेहतर तरीके से बाज़ार विनियमित करना चाहिए। आज किसान सबसे ज़्यादा पीड़ित है। उस प्रणाली को समाप्त होना चाहिए।” इसके अलावा उन्होंने कहा कि एक ऐसा रास्ता होना चाहिए जिससे किसान तुरंत बाज़ार में प्रवेश कर सके। यादव का कहना है कि वह अपनी दो साल पहले कही गयी बात पर अब भी अटल हैं। 

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पीएम ने कहा, कृषि बिल के बाद भी मंडी बंद नहीं

Farmers start 4 programs to intensify movement

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 फरवरी को राज्यसभा में कहा कि सरकार किसानों का सम्मान करती है। लेकिन उन्हें कुछ ऐसी मांगो को लेकर आने की ज़रूरत है जिससे की कानून को बदला जा सके। प्रधानमंत्री ने कहा ” संसद में कृषि से जुड़े कानून को पारित होने के बाद कोई भी मंडी बंद नहीं हुई है। न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी बनी हुई है। इन तथ्यों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”

पीएम ने किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन होने पर उठाए सवाल 

प्रधानमंत्री मोदी ने 10 फरवरी को कहा था कि इस देश में टोल प्लाजा केंद्र और राज्यों की सरकारों के द्वारा चलाई जाती है। टोल प्लाजा को तोड़ना, उस पर कब्जा करना, उस टोल प्लाजा को न चलने देना। क्या इससे किसानों के आंदोलन को नुकसान नहीं पहुंच रहा है? पंजाब में मोबाइल टावरों को तोड़ना, सार्वजनिक सामान को नुकसान पहुंचाना, क्या इससे किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को हानि नहीं पहुंचती?

किसान अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं है। वही, सरकार भी अपने फैसले पर अड़ी हुई है। आंदोलन को जीवित रखने के लिए किसानों द्वारा नए-नए कार्यक्रम किए जा रहे हैं। कई पार्टियां किसानों के समर्थन में है तो कई उनके विरुद्ध भी। लेकिन सरकार और किसान, कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं। आंदोलन आगे जाकर क्या रूप लेगा, कृषि बिल में सुधार आएगा या उसे रद्द किया जाएगा। कुछ नहीं कहा जा सकता।

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