खबर लहरिया एडिटर देगी जवाब राजस्थान के कोटा में हो रही बच्चों की मौत पर क्या कहती हैं हमारी एडिटर

राजस्थान के कोटा में हो रही बच्चों की मौत पर क्या कहती हैं हमारी एडिटर

दिसम्बर का माह जाते जाते इस साल कई घाव देकर गया है नागरिकता संसोधन बिल को लेकर हिंसा हुई सैकड़ो लोगों की जाने गई और अभी भी माहौल गर्म है तो वही राजस्थान के कोटा में बच्चों के मौत का सिलसिला जारी है राजस्थान के कोटा के जेके लोंन अस्पताल में 100 से ज्यादा नवजात बच्चों की मौत हो चुकी है. कोटा में मौत का आंकड़ा नया नहीं है. 2014 में 15719 बच्चे भर्ती हुए, जिसमें 1198 बच्चों को बचाया नहीं जा सका.

अगले साल यानी 2015 में 17579 बच्चे भर्ती हुए जिसमें 1260 बच्चों की मौत हुई साल 2018 और 2019 में भी यही सिलसिला चला. जेके लोन अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुरेश दुलारा ने बताया कि सभी बच्चों की मौत कम वजन के चलते हुई। वहीं, कुछ अन्य रिपोर्ट की माने तो बच्चों की कई अलग-अलग वजहों के कारण मौत हुई है। बच्चों की मौत का कारण निमोनिया, सेप्टिसिमिया, सांस की तकलीफ जैसी वजहें हैं

मेला को देखने के लिए जाए लेकिन आपने ख़ास वर्ग का नाम क्यों लिया है क्योकि कोई भी मेले में जाति और वर्ग नहीं बाटा जाता है सिमौनी मेला सदियों पुराना मेला है लोग यहा के पुआ खाने के लिए जरुर जाते हैं लेकिन अब यह मेला भी राजनीति में बदल गया है तो अगर मेला को मेला के रूप में मनाया जाए तो अच्छा है 15 दिसम्बर को हमने राजनीति रस राय का शो पब्लिश किया था जिसका शीर्षक था, बुंदेलखंड: गौशाला में हर रोज़ मर रहीं गायें, आख़िर कहाँ जा रहा सरकारी बजट? प्रतेक गांव में यही स्थति हैं, गायो की बड़ी दयनीय दशा है अब लगता है गायो पर राजनीति करने वाले मर गए सब।योगी के गौरक्षा का फंड कहाँ है? भूख से मर रही गायें

यदि समय रहते हम और सरकार नहीं चेते तो देशी गौ वंश समाप्त हो जायेगा। किसान कम दूध की वजह एवम् सूखे की मार की वजह से पालन करने से कतरा रहा है लेकिन देशी गाय के दूध वा घी के फायदे की प्रमाणिकता सिद्ध हो चुकी हैं देशी गाय का A2 घी विश्व का सर्वोत्तम घी है। जबुन्देलखण्ड में गायों की स्थिति बहुत ही दयनीय हैं गौ साले के इतने खराब हालात हैं हर दिन की तस्वीरे गाँव के लोग मुझे भेजते हैं ज़िंदा तडपती गायें गौ शाला के अंदर मरे गायो को कही कुत्ते नोच रहे हैं कही पर एक गाये के मरने पर सारी गाये उसको घेर कर खंडी है बहुत तकलीफ देती है ऐसी सीन लेकिन हमारी सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता है