खबर लहरिया जिला महोबा: स्टील की चमक के आगे फीके पड़े मिट्टी के बर्तन

महोबा: स्टील की चमक के आगे फीके पड़े मिट्टी के बर्तन

क समय था, जब घरों में लोग भोजन पकाने और परोसने के लिए मिट्टी के बर्तन इस्तेमाल किया करते थे। लेकिन अब मिटटी के बर्तनों की जगह चमकते स्टील और नॉन-स्टिक के बर्तनों ने ले ली है, पहले लोगों के घरों में तवा, मटके गुल्लक जैसे मिटटी के बर्तनों का भरपूर उपयोग होता था और कुम्हारों का धंधा अच्छा चलता था। और मिटटी के बर्तन बिकने से इन लोगों के घरों में भी रौनक रहती थी |

इसका मिटटी के बर्तन चलन बंद होने के बाद लोगों का रोजगार भी फीका हो गया है। जिला महोबा जैतपुर कस्बा जैतपुर और बेलाताल के रहने वाले भगवान दास ने बताया है हम लोग पहले मिट्टी के बर्तन बहुत बनाते थे। और मिट्टी के बर्तन बहुत दिखते ही थे। अब 6-7 साल से इतनी ज्यादा स्टील चली हुई है जिससे स्टील के चमक के कारण मिट्टी के बर्तन फीके पड़ गए हैं।

जिससे जितनी पहले मिट्टी के बर्तनों की बिक्री होती थी जैसे की दवा कन्हैया और फतेह अली बिकती थी। लोग दूर-दूर से बेलाताल लेने के लिए आते थे और मांग भी ज्यादा होती थी अब तो गिने चुने ही लोग पसंद करते हैं। रामकुमारी कहती है कि पहले हम लोग ज्यादा ही मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाते थे क्योंकि लकड़ी कंडा रहती थी और चूल्हा में खाना पकाते थे अब तो गैस चल गई है। तब से मिट्टी के बर्तनों में कभी कभार ही बनाते हैं। जब ज्यादा मन करता है कि आज मिट्टी के बर्तन का खाना खाना है।

जब भी चूल्हा में आग जलाकर मिट्टी के कढ़ाई में खाना बनाते हैं और मिट्टी का तवा भी रोटी सकते हैं। इसलिए मिट्टी का बर्तन रोज नहीं चाहा पाते हैं क्योंकि मिट्टी के बर्तन में कुछ टाइम लगता है उसको गर्म होने में स्टील के बर्तन तुरंत गर्म हो जाते हैं और खाना भी बन जाता है। जल्दी स्टील में खाना तो बनता ही है जल्दी लेकिन जितना स्वादिष्ट मिट्टी के बर्तन का खाना होता है उतना स्वादिष्ट स्टील के बर्तन में नहीं होता है। मिट्टी के तवा में जब रोटी बनाते हैं तो खाने में स्वादिष्ट आते हैं और रोटी पूरी तरह से पक जाती है।

जलती नहीं है यह खासियत है कितना भी दवा गरम हो जाए और जो स्टील के तवा लोहे के दवा चाहते हैं। चूल्हा में या गैस में ज्यादा ही गर्म हो गया दवा तो रोटी बिल्कुल जल जाती हैं देखने में तक अच्छी नहीं लगती हैं। खाने में क्या अच्छी लगेगी ऐसा मिट्टी के बर्तन में नहीं होता है जो जल जाए और खाने में अच्छा ना लगे। सावित्री ने बताया है की मिट्टी के बर्तन का खाना स्वादिष्ट होता है। और जो गैस जैसी बीमारियां होती हैं वह भी मिट्टी के बर्तन का बना हुआ खाना खाए तो पाचन शक्ति होता है।