खबर लहरिया जवानी दीवानी स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ सिंह के नाम एक खुला ख़त

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ सिंह के नाम एक खुला ख़त

मंत्रीजी, शायद आपकी नज़र अभी तक प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस में नहीं पड़ी है या शायद यहां की खबर आप तक नहीं पहुची है | लेकिन हम गरीब जनता बीमारी कि मार झेल रहे है और ऐसे कोई मंच नहीं है जहां हम कुछ कह सके| 2016 में सरकार ने डेंगू बीमारी से निपटने के लिए रेगुलेशन जारी किए थे, नोटीफाईड किया गया था| इसके तहत उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारिओं को नियंत्रक प्राधिकारी नामित किया गया था| ज़िला अस्पतालों में डेगू की बीमारी के लिए ख़ास स्ट्रा 10 बेड ओर सामुदायिक स्वास्थ केंद्रों में 5 बेड होना अनिवार्य कहा गया था|

 

मैं गिरीश बनारस जिला के धौरहरा गांव का हूँ, और यहां के सभी निवासियों की ओर से आप से कुछ प्रश्न पूछना चाहता हूं।

क्या बेड होने से ही बीमारी में रोक लगाई जा सकती है?
उसके लिए इलाज जरूरी नहीं है?
क्या बिना दवा और जाँच के बीमारी को रोक पाना संभव है?
क्या आप के पास स्वास्थ सुविधा के लिये बजट नहीं है?
कहां है आपकी आयुष्मान भारत योजना, जिसमे हम जैसों के इलाज की लंबी चौड़ी बात की गई हैं?

यहाँ पर पिछले छह महीनें से डेंगू की बीमारी फैली हुई है। जिसके चलते चार महीनें में 10 लोगों की मौत भी हो चुकी हैं और लगभग 20 प्रतिशत लोग बीमार हैं। ज़िला के स्वास्थ्य विभाग में सही इलाज नहीं होता इस लिए लोगो को प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ता है। जिनके पास पैसा होता है उनका इलाज तो हो जाता है, पर गरीब लोगो का क्या? उनके पास ना तो प्राइवेट, ना सरकारी, कोई सुविधा नहीं मिल पाती है। पिछले एक महीने में मेरे परिवार से दस लोग बीमार हो चुके जिससे हमने दसो हजार रूपये खर्च कर चुके है। पर सरकारी अस्पताल में हमारी कोई सुनवाई नहीं होती है।

मैं खुद डेंगू बीमारी का शिकार हूं। सबसे पहले मैंने धौरहरा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दिखाया, तो वहां के डाक्टरों ने बाहर की जाँच लिखी और कहा कि यहाँ दवा नहीं है आप बनारस जाओ। तब मैं बनारस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्र्द में गया। वहां दो दिन चक्कर लगाने के बाद मेरा नंबर आया। उसमे भी डेंगू की जाँच नहीं हुई जबकि मैं बार बार बोल रहा था कि मुझे डेंगू के लक्षण समझ में आ रहे हैं और मुझे डेंगू है। फिर भी डाक्टरों ने नहीं सुनी कहनें लगे तुम डाक्टर हो तो जाकर खुद इलाज कर लो।

स्वास्थ्य मंत्री जी, क्या राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था यही है? बीमार लोगो को परेशान करना?
क्या सरकार की योजनाएं केवल भाषण तक सीमित है?
क्या कभी हमारे गाँव से डेंगू जैसी बीमारी दूर होगी?
या सरकार गरीब जनता के मौत का इन्तजार करती रहेगी?
और हां, बाद में यह ज़रूर कहेगी की लोगो कि मौत डेंगू से नहीं हुई है !

जब इलाहबाद में कुछ महीनें पहले डेंगू की बीमारी फैली थी तो वहां के लिए जाँच टीम लगाई गई थी तो फिर बनारस के लिए क्यों नहीं? कहने को तो धौरहरा में तीन तीन विधायक भी रहते हैं पर आज तक उनको ये पता भी नहीं है की उनके गाँव में डेंगू के चपेट में कितने लोग आ चुके हैं और कितने लोगों कि जाने जा चुकी हैं।

मंत्री जी, क्या धौरहरा गांव की आवाज़ आप तक पहुँच रही है?