खबर लहरिया Blog मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में 28 जनवरी के लिए फैसला सुरक्षित

मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में 28 जनवरी के लिए फैसला सुरक्षित

20 जनवरी 2020 को मुजफ्फरपुर आश्रय गृह(शेल्टर होम) में बच्चियों के साथ हुए यौन हिंसा मामले में दिल्ली साकेत कोर्ट ने 19 लोगों को दोषी करार दिया है. इसके अलावा अदालत ने एक आरोपी मोहम्मद साहिल उर्फ विक्की को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है.अदालत ने इस मामले में दोषियों को सजा सुनाने के लिए 28 जनवरी की तारीख तय की है।

 

आपको बता दें की पहली बार ये मामला तब सुर्ख़ियों में आया जब टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोसल साइंसेज की ओर से 26 मई, 2018 को बिहार सरकार को सौंपी गई एक रिपोर्ट  में किसी आश्रय गृह में पहली बार नाबालिग लड़कियों के साथ यौन हिंसा का खुलासा हुआ था। इसके बाद लड़कियों का मेडिकल टेस्ट कराया गया जिसमे 34 लड़कियों के साथ बलात्कार की पुष्टि की गई.

पीड़ितों ने यह भी खुलासा किया था कि उन्हें नशीली दवाएं देने के साथ मारापीटा जाता था, फिर उनके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया जाता था.

मामले की छानबीन के बाद पता चला की इसमें बिहार पीपुल्स पार्टी के पूर्व विधायक ब्रजेश ठाकुर भी शामिल थे

कोर्ट ने 20 मार्च, 2018 को नाबालिगों से बलात्कार और यौन उत्पीड़न की साजिश रचने के अपराध में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 20  दोषियों के खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज कर जेल भेज दिया था। आरोपियों में 12 पुरुष और आठ महिलाएं शामिल थी

 

सुप्रीम कोर्ट ने आश्रय गृह केस को 7 फरवरी 2019 को बिहार से दिल्ली ट्रांसफर किया था. इसके बाद 23 फरवरी से इस मामले की साकेत कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. लगभग सात महीने की सुनवाई के बाद 30 सितंबर 2019 को साकेत कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. लेकिन ये केस आगे खींचता रहा. पहले एडिशनल जज सुदेश कुमार ने फैसला 14 जनवरी तक के लिए टाल दिया था,

क्योंकि मामले पर सुनवाई करने वाले जज सौरभ कुलश्रेष्ठ छुट्टी पर थे. फिर  मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने अपने बचाव के लिए याचिका दायर की.जिन्दगी की जंग हारी उन्नाव रेप पीड़िता, कब मिलेगा इंसाफ़?

इस अर्जी की वजह से फैसला 20 जनवरी तक के लिए टाला गया. अब 20 जनवरी 2020 को इस मामले में अदालत ने दोषियों को सजा सुनाने के लिए 28 जनवरी की तारीख तय की है। हलाकि इस मामले में सीबीआई जांच भी हुई है.

जांच में इन दोषियों के आलावा समाज कल्याण विभाग के एक अप्सर के भी शामिल होने की बात सामने आई है लेकिन अभी तक उसका नाम उजागर नहीं किया गया है.