खबर लहरिया Blog जिन्दगी की जंग हारी उन्नाव रेप पीड़िता, कब मिलेगा इंसाफ़?

जिन्दगी की जंग हारी उन्नाव रेप पीड़िता, कब मिलेगा इंसाफ़?

उन्नाव रेप केस की  पीड़िता को जिंदा जला देने से मौत होने के बाद सियासत गरमा गई है। पीड़िता की मौत के बाद लोगों में इस घटना को लेकर जबरदस्त आक्रोश है। उन्नाव और लखनऊ से लेकर दिल्ली तक लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधानसभा के सामने धरने पर बैठ गये थे। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हैदराबाद की घटना को लेकर देश गुस्से में था। उसके बाद उन्नाव की घटना उसी तरह से हुई। उन्नाव की घटना भाजपा सरकार में पहली नहीं है। आज हमारे लिए काला दिन है। एक बेटी जो न्याय मांग रही थी हम उसे न्याय नहीं दे पाए।

 

इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने 7 पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया है। पुलिस के मुताबिक इनका निलंबन उन्नाव के थाना बिहार में अपने काम के प्रति लापरवाही बरतने और अपराध नियंत्रण व अभियोगों से संबंधित घटित घटनाओं के प्रति लचर रवैया अपनाने के लिए किया गया है। निलम्बन की चपेट में आने वालों में बिहार प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार त्रिपाठी, प्रभारी बीट अरविन्द सिंह रघुवंशी, श्रीराम तिवारी, बीट आरक्षी अब्दुल वसीम, आरक्षी पंकज यादव, आरक्षी मनोज और आरक्षी संदीप कुमार का नाम शामिल है।

 

आपको बता दें कि पीड़िता रायबरेली में अपनी बुआ के यहां रहती थी। पीड़िता ने बताया था कि गुरुवार सुबह 4 बजे वह ट्रेन पकड़ने के लिए बैसवारा बिहार रेलवे स्टेशन जा रही थी। इस बीच मौरा मोड़ पर गांव के सुभम त्रिवेदी, शिवम् त्रिवेदी, उमेश बाजपेई, राजकिशोर और हरिशंकर ने उसे घेर लिया और डंडे, चाकू से वार किया। इस बीच जब वह चक्कर खाकर जमीन पर गिर गई तो आरोपियों ने पेट्रोल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया। तबसे उसका इलाज चल रहा था और इलाज के दौरान ही 6 दिसंबर की देर रात पीडिता ने दम तोड़ दिया। जिसके बाद गांव के बाहर रविवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। पीड़िता के परिजनों की मांग थी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्नाव में रेप पीड़िता के परिजनों से आकर मुलाकात करें। जब तक वे परिजनों से मुलाकात नहीं करते तब तक बेटी का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। हालांकि नेताओं के समझाने के बात वे अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए। ऐसा बताया जा रहा है की गाँव में अभी भी पुलिस बल तैनात है।

उन्नाव में हैदराबाद जैसी घटना, गैंगरेप पीड़िता को जिंदा जलाया

 

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उन्नाव रेप केस की पीड़िता के परिजनों को 25 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री कमला रानी वरूण ने उन्नाव पीड़िता के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन की बात कही है। इसके साथ ही पीड़िता के परिजनों को एक प्रधानमंत्री आवास भी दिया जाएगा। ये सब तो ठीक है लेकिन क्या आरोपियों को सजा मिल पाएगी? क्या कभी ये गैंगरेप शब्द का दाग़ मिट पायेगा?