खबर लहरिया Blog शहर से गांव तक की दौड़ में सफल हो गया कोरोना

शहर से गांव तक की दौड़ में सफल हो गया कोरोना

Corona became successful in running from city to village

बांदा: शहरों से निकल कर कोरोना की बीमारी अब गांवों में पैर पसारती हुई चली जा रही है। अब स्वास्थ्य विभाग का स्टॉफ भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। बुंदेलखंड के चित्रकूट धाम मण्डल की बात की जाए तो राजकीय ऐलोपैथिक मेडिकल कालेज बांदा के प्राचार्य समेत कई डॉक्टर, नर्स, कर्मचारी और सफाई कर्मचारी भी कोरोना से नहीं बच पाए। अभी हाल में ही कचेहरी कम्पाउंड के अंदर भारतीय स्टेट बैंक के स्टॉफ में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई है जिससे बैंक को अनिश्चित काल तक के लिए बन्द कर दिया गया है। करीब जुलाई का आधा महीने बीत जाने के बाद लगातार कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं।   इस बीच कोरोना से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है।

जिले में अब तक कोरोना से दो मौतें

जमालपुर में बुजुर्ग की मौत की पुष्टि करते हुए जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल ने बताया कि दो दिन पूर्व बुजुर्ग को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में परिजनों ने भर्ती कराया था। जहां उसका सेंपल लेकर ट्रूनेट के जरिए कोरोना टेस्ट कराया गया, लेकिन थोड़ी ही देर बाद बुजुर्ग की हालत नाजुक होने पर उसे कानपुर के लिए रेफर कर दिया गया था।

परिजन बताते हैं कि बुजुर्ग ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया और परिजनों ने कोरोना रिपोर्ट का इंतजार किए बगैर ही उसका दाह संस्कार कर डाला। उधर, जब सोमवार को देर शाम बुजुर्ग की रिपोर्ट आई तो वह पॉजिटिव पाया गया, जिससे हड़कंप मच गया। खासतौर से बुजुर्ग की कोरोना बीमारी के चलते मौत हो जाने और बुजुर्ग के अंतिम संस्कार में एक सैकड़ा लोगों के शामिल होने की सूचना पर प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं। अगर अंतिम संस्कार में शामिल व्यक्ति संक्रमित पाए जाते हैं तो ऐसे में कोरोना महामारी जमालपुर गांव में भयावह रूप ले सकती है।
इसी तरह जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि 17 जुलाई दिन शुक्रवार को अतर्रा कस्बे के दामूगंज मुहल्ले के 55 वर्षीय एक व्यक्ति की संक्रमण से मौत हो गई। वह राजधानी लखनऊ के एसजीपीजीआई अस्पताल में उपचार करा रहे थे।

अतर्रा कस्बे समेत बांदा शहर के 13 मोहल्ले हॉटस्पॉट

शहर के कई इलाकों में संक्रमित मरीज पाए जाने के बाद संबंधित मोहल्लों को कंटेनमेंट जोन/हॉटस्पॉट बना दिया गया है। यहां बैरीकेडिंग लगाकर आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। रात-दिन पुलिस का पहरा है। मौजूदा समय में शहर में हॉटस्पॉट इलाकों की संख्या 13 है। इनमें पीली कोठी, खुटला, डीएम कालोनी (500 मीटर दायरा किया), इंदिरा नगर, आवास विकास, क्योटरा, अलीगंज, खाईंपार, बिजलीखेड़ा, शुतुरखाना, स्वराज कालोनी, गूलरनाका (नजरबाग) और कालूकुआं शामिल हैं। साथ ही अतर्रा कस्बे की चूड़ी गली के दो लोगों के पॉजिटिव मिलने पर अब यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 40 हो गई। कटरा बाजार को मेन प्वाइंट मानकर प्रशासन ने अतर्रा कस्बा के पूरे इलाके को बफर जोन घोषित किया है। बफर जोन वह इलाका होता है जहां पर सरकार या प्रशासन को आशंका होती है कि यहां ढिलाई देने पर यह इलाका रेड जोन बन सकता है।
राजकीय ऐलोपैथिक मेडिकल कॉलेज बांदा में चित्रकूट धाम मण्डल के कुल भर्ती मरीजों की संख्या
चित्रकूट धाम मण्डल में चार जिले (बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर) हैं। इन जिलों के कोरोना मरीज बांदा के मेडिकल कॉलेज में भर्ती किए जाते हैं। मेडिकल कालेज से मिली 23 जुलाई की रिपोर्ट के अनुसार अब तक में यहां कुल सक्रिय मरीज 198 हैं जिसमें अकेले बांदा में 82, हमीरपुर 44 , महोबा 71 और चित्रकूट के 1 मरीज़ हैं। अब तक में कुल संक्रमित 609 हो चुके हैं जिसमें 408 डिस्चार्ज हो चुके हैं

कोरोना से सावधानी की उड़ती हैं धज्जियां

सरकार और स्वास्थ्य विभाग का कोरोना से बचने के लिए कई तरह की सावधानियां बरतने पर जोर दिया जा रहा है, प्रचार प्रसार  किया जा रहा है। जैसे कि मास्क लगाना, उचित दूरी बनाएं रखना, भीड़भाड़ की जगह से वापस आकर सारे कपड़े धुलना और नहाना, सेनेटाइजर का इस्तेमाल करना। सरकार और विभाग के चिल्लाने से क्या होगा जब लोग खुद जिम्मेदारी नहीं लेंगे। अगर आप बाज़ार निकलो तो देखने को मिलेगा कि कुछ ही लोग हैं जो मास्क लगाएं रहते हैं। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं कि अगर लगाएं भी हैं तो दाढ़ी में या फिर कान में मास्क लटक रहे हैं और मुंह खुला है। मेरे आस पास या पड़ोसी लोग चाहे बाज़ार से आये या अस्पताल से, कोई है जो नहा लें इसमें पुरुषों की संख्या ज्यादा है। सुबह शाम लोग घरों से निकल कर बाहर बैठकर दरबार करते हुए दिखते हैं बिना मास्क और उचित दूरी के। इस्तेमाल किये हुए मास्क सड़कों तक में इधर उधर पड़े रहते हैं। गुटखा खाकर लोग जहां तहां थूकते हैं। जो एरिया हार्ट सपॉर्ट किये गए सिर्फ नाम के लिए, वहां पर भीड़ तो रोज दिखाई देती है। ये सब देखकर लगता है कि लोगों को कोरोना का कोई डर नहीं है। यही कारण है कि रोज कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहे हैं।

सावधानी बरतकर बनें जिम्मेदार

इस बात पर बार बार बल दिया जा रहा है कि जब भी घर से निकले सावधानी बरतें। चाहे वह मास्क लगाना, हाथ धुलना, उचित दूरी बनाना हो। ये सावधानियां बहुत जरूरी हैं ऐसे में आप खुद सुरक्षित रहेंगे और अपने परिवार व आसपास के लोगों को सुरक्षित रखेंगे। ये स्थिति अब आप खुद काबू में कर सकते हैं। सरकार से लेकर पंचायत स्तर तक के लोगों को इसकी रोकथाम की जिम्मेदारी दी गई है। ये जिम्मेदारी अगर वायरस फैलने के शुरुआती समय में ले ली गई होती तो आज ये भयावह स्थिति गांव तक न पैदा होती।