खबर लहरिया चित्रकूट चित्रकूट: लॉकडाउन में साफ़ पानी भी नही नसीब, तालाब का गंदा पानी पी रहे आदिवासी लोग

चित्रकूट: लॉकडाउन में साफ़ पानी भी नही नसीब, तालाब का गंदा पानी पी रहे आदिवासी लोग

चित्रकूट: लॉकडाउन में साफ़ पानी भी नही नसीब, तालाब का गंदा पानी पी रहे आदिवासी लोग :बद्री प्रसाद, आदिवासी, ग्राम पंचायत मारा चंद्रा के मजरा कोलहाई, जिला चित्रकूट ग्राम पंचायत मारा चंद्रा के मजरा कोलहाई प्रधान चंदशेखर से फोन पर की गई बातचीत चित्रकूट जिले के ब्लॉक मानिकपुर ग्राम पंचायत मारा चंद्रा के मजरा कोलहाई मे चार महिने से खराब हैंडपंप पडे हैं कोलहाई मे लगभग 100 घर आदिवासी जाति के हैं तीन किलोमीटर दूर ओहन बांध से पानी लाना पडता है लोगों ने बताया प्रधान को कितनी बार बोला सही नही कराया एक बार कराया भी तो सिर्फ एक रात पानी निकला सुबह फिर खराब हो गया ,और जब सै ऐसे ही.ही पडा है हमे गंदा पानी पीना पडता है दिन मे तीन ,चार चक्कर लगाने पडते छोटे छोटे बच्चे इतनी दूर पानी लेने जाते सूबह चार बजे से उठ कर पहले पानी भरते हैं फिर बाकी काम इस तरह की तेज धूप और तीन किलोमीटर की दूरी हालत खराब हो जाती.है जो लोग.दोपह मै पानी भरने जाते हैं ,मजबूरी है पानी बगैर तो नहीं रह सकते चाहे गंदा हो चाहे जितनी दूर हो पानी लाना ही पडेगा प्यासे तो नहीं मरेंगे कोई सुनवाई नहीं हम लोगों की चाहे मरे जीए कभी कोई अधिकारी नहीं आते प्रधान नहीं आता जिस तालाब का गंदा पानी देख आप हाथ धोने से भी कतराएंगे ऐसा ही तालाब का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं चित्रकूट जिले के मारा चंद्रा गांव के आदिवासी लोग। जी हां, एक तरफ कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने और उसके विषाणु को मारने के लिए 20 सेकेंड तक साफ़ पानी से हाथ धोने की सलाह दी जा रही है वहीं दूसरी तरफ ये लोग तालाब का गंदा पानी पीकर जिस बीमारी का शिकार होंगे क्या उससे कोई बचा पायेगा? तो आइये जानते हैं यहां के लोगों से की उन्हें किस तरह से दिक्कत हो रही।