पॉलीथिन के इस्तेमाल पर चारों तरफ पाबंदी का शोर है। पूरी तरीके से पाबंदी लगाने की घोषणा हो चुकी है। लेकिन अभी भी बाजारों में पॉलीथिन धड़ल्ले से दौड़ लगा रही है। अभी भी लोग सब्जी, राशन पॉलिथीन में ले जाते दिख जाएंगे।
अधिकारी भी चंद दिनों की चौकसी दिखाने के बाद फिलहाल खामोश बैठे हैं। पॉलिथीन दिवस मनाने के बाद विभाग ने भी सख्ती दिखाना मुनासिब नहीं समझा। गाँव की गलियां, नालियाँ पॉलिथीन से खचाखच भरी पड़ी हैं, जिससे कई तरह की बीमारियाँ भी पनप रही हैं।
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टीवी 9 हिन्दी.कॉम में छपी रिपोर्ट के अनुसार देश में हर रोज 26,000 टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है. इस प्लास्टिक कचरे का 60 फीसदी हिस्सा ही रीसाइकल हो पाता है। पॉल्यूशन पर लगाम लगाने के लिए सरकार का पॉलिथीन बैन का फैसला काफी अहम है और लोगों को इस पर अमल करनी चाहिए।
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