खबर लहरिया Blog चित्रकूट: गाँव में अँधेरा, कागजों में जगमग हुआ गाँव

चित्रकूट: गाँव में अँधेरा, कागजों में जगमग हुआ गाँव

जिला चित्रकूट के कई गाँवों में आज भी लोगों के पास बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

चित्रकूट जिले के खोहर गाँव में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहाँ के कई मजरा में कागजों में शौभाग्य योजना के तहत बिजली आपूर्ति दिखा दी गई है जबकि पूरा गाँव अभी भी अँधेरे में जीवन व्यतीत कर रहा है।

योजनाएं आई और गई लेकिन जिला चित्रकूट ब्लाक मऊ गांव खोहर मजरा कलोनी, मैदाना पुरवा, गेरूहा पुरवा से अंधेरा दूर न हो सका। गांवों को कागजों पर जगमगा दिया गया। नतीजा यह है कि गांव के लोगों की जिंदगी अंधेरे में गुजर रही है। ढिबरी की रोशनी में लोग अपना भविष्य तय कर रहे हैं।

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कई बार उठाई आवाज नहीं हुई सुनवाई

गेरूहा पुरवा निवासी मनटोरिया और सुमन, का कहना है कि हर गांव मे बिजली लगी है पर इस पुरवा के लिए कोई ध्यान नही देता है। जंगल इलाका है बरसात में सांप बिच्छू का डर बना रहता है। मिटटी का तेल भी नहीं मिलता रात में क्या जलाये? इतना पैसा नहीं रहता की रोज-रोज मोमबत्ती खरीद सकें। घर में अँधेरा छाया रहता है। लोगों ने बताया कि जब वह लोग आवाज भी उठाते तो कुछ नहीं होता है। यहाँ के ठेकेदार ने लोगों के नाम कनेक्शन कर दिए हैं लेकिन बिजली का तार नहीं खिंचा गया। सब गांव घर में बिजली पहुंच गयी पर इस गांव या पुरवा के लिए विभाग सोच ही नहीं रहा। गाँव के लोगों की ज़िन्दगी बीत जायेगी लेकिन उजाला नसीब नहीं होगा।

दूसरे गाँव में 10 रूपये में चार्ज करते हैं फोन

सूरजकली ने बताया कि गर्मी का सीजन है वह चाहती हैं कि वह भी पंखा की हवा लें। घर में सांप बिच्छू निकलते रहते हैं गर्मी में घर के अंदर रहने से डर बना रहता है। कई बार लोग आवाज उठाये पर कोई ध्यान नही देता है। जब वोट लेना होता है तो वादा करते है पर जीतने के बाद भूल जाते हैं। इस गांव में चाहे लोग मरें या जियें किसी को कोई फ़र्क नहीं पड़ता। इस ज़माने में भी फोन चार्ज करने गोइया गांव जाते हैं, और दस रूपये चार्ज करने का लगता है। आजकल ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए बच्चों को फोन चार्ज करने की जरुरत होती है। कभी पैसे के अभाव में कभी बिजली के अभाव में फोन चार्ज नहीं हो पाता है। ऐसे में सरकार डिजिटल इण्डिया की बात कैसे कर सकती है।

रामदीन और फूला ने बताया कि गेरूहा पुरवा में कुछ घर में बिजली लगी लेकिन खम्भे नहीं लगे। लकड़ी का खम्भा गाड़कर बिजली खींचा है। राजेश और ननकी का कहना है कि लोगों को इस तरह से डर बना है की कहीं किसी के करेंट न लग जाये।

प्रधान रामनरेश का कहना है कि वह लिखित दरखास बिजली विभाग में दिए हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। वह पूरी कोशिश करेंगे की गाँव में बिजली आ जाये।

सर्वे कराकर लगवाई जायेगी बिजली

अर्जुन सिंह जेई मऊ बिजली विभाग का कहना है कि यदि मऊ बरगढ़ क्षेत्र में इस तरह से गांव छूटे हैं तो सर्वे कराया जाएगा। अगर गाँव में कनेक्शन है तो खम्भा लगाकर उन गांव में बिजली पहुंचाई जायेगी।

इस खबर की रिपोर्टिंग सुनीता देवी द्वारा की गयी है।

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