खबर लहरिया Blog मांझी और पासवान के बीच गर्माहट, पार्टी में हुई विवादों की शुरूआत

मांझी और पासवान के बीच गर्माहट, पार्टी में हुई विवादों की शुरूआत

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा पार्टी ( आम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एनडीए के साथ हाथ मिला लिया है। बीजेपी वाली नीतीश कुमार की एनडीए पार्टी ने मांझी का स्वागत किया। 

एनडीए में विलय को लेकर यह है मांझी का कहना

मांझी ने पिछले हफ़्ते पटना में हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा किहम जेडीयू के साथ सहयोगी बनने जा रहे हैं। हम जेडीयू के साथ विलय नहीं कर रहे। वह कहते हैं कि जेडीयू, एनडीए में एक भागीदार है, इसलिए हम भी अपनी पार्टी को अब एनडीए के हिस्से के रूप में मानते हैं।

जीतन मांझी का कहना है कि नीतीश कुमार ने ही उन्हें पहले मुख्यमंत्री बनाया था। इस बार वह बिना किसी शर्त और पिछली बातों को भूलकर नीतीश कुमार की पार्टी में शामिल हो रहे हैं।

मांझी कोमौसम वैज्ञानिकक्यों कहा गया

राष्ट्रीय जनता दल के मांझी के पूर्व सहयोगियों ने मांझी के एनडीए में शामिल होने के बाद उन्हेंमौसम वैज्ञानिक कहा। आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं किऐसे मौसम वैज्ञानिकोंको जनता अच्छा सबक सिखाती है तो वक़्त आने पर आपना पाला बदल कर दूसरी तरफ चले जाते हैं। इसके बाद अब आरजेडी को लगने लगा है कि चुनाव का मौसम नीतीश सरकार की तरफ चला गया है। शायद उन्हें यह भी डर है कि वह हार जाएं।

दलित नेता के रूप में मांझी दे रहे हैं पासवान को टक्कर

पटना के एक पत्रकार संतोष सिंह का कहना है कि मांझी का पार्टी में शामिल होना ज़ाहिर तौर पर गया, जहानाबाद, औरंगाबाद जैसे मध्य बिहार के जिलों में एनडीए को जिताने में मदद करेगा। अब तक लोजपा के अध्यक्ष रामविलास पासवान बिहार में दलित नेता के रूप अकेले दिखाई पड़ रहे थे लेकिन मांझी भी क्योंकि दलित नेता की तरह उभरे हैं, पासवान को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। यह बात भी सुनने में रही थी कि पासवान की पार्टी नीतीश सरकार की आलोचना कर रही थी, तो ऐसा हो सकता है कि मांझी ही लोजपा पार्टी को आगे संभाले।

हमपार्टी द्वारा लगाए पोस्टर ने नेताओं के बीच पैदा की दीवार

रविवार 6 सितंबर को पटना में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व में हिंदुस्तान आवाम मोर्चा ( हम) द्वारा लगाए गए पोस्टर से दो प्रमुख दलित नेताओं और एनडीए के बीच साफ़ तौर पर दरार दिखाई दे रही थी। लोजपा के प्रमुख चिराग पासवान, उनके पिता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की तस्वीरें पोस्टर पर नहीं थी। जबको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जीतन राम मांझी, कुछ एचएएम पार्टी के लोग और भाजपा के कुछ नेताओं की तस्वीर पोस्टर में छपी हुई थी।

पोस्टरों में पहला बिहार, नीतीश कुमार नारा भी लिखा हुआ था। चिराग पासवान ने पहलेबिहार पहले, बिहारी पहलेकहकर नीतीश सरकार की कोरोना वायरस और बाढ़ को लेकर आलोचना की थी। ऐसा लगता है कि नीतीश सरकार अपने नारे के द्वारा पासवान को उनके सवाल का जवाब दे रही थी।

पासवान की तस्वीर पोस्टर में होने की यह है वजह

पोस्टरों में पासवान की तस्वीर होने को लेकरहमके प्रवक्ता दानिश रिज़वान ने कहा कि वे बिहार में तो राज्य का हिस्सा हैं और ही सरकार का। हमारी पार्टी एनडीए के साथ है। इसलिए हमारे पोस्टरों में लोजपा के नेताओं की तस्वीर लगाने का कोई मतलब नहीं।

यह बात तो साफ़ है कि मांझी और पासवान के बीच चीज़े गर्म हो गयी हैं। दोनों ही दलितों में प्रमुख नेता हैं। मांझी के लिए एनडीए एक बड़ी पार्टी है जिसकी वजह से वह दलितों के नेताओं के रूप में अकेले ही आगे जा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो पासवान अपनी छवि खोते जाएंगे। पार्टी में फिलहाल अलगअलग समीकरण बन रहे हैं। देखते हैं नीतीश सरकार इतने बदलाव और वादविवाद के बाद अक्टूबरनवंबर चुनाव में बाज़ी मार पाती है या नहीं।