बाँदा जिले में एक पिता द्वारा अपने 8 दिन के बच्चे को मारकर नाली में दफ़नाने का मामला सामने आया है। वहीं आरोपी पिता का कहना है कि उसके बच्चे की मौत निमोनिया से हुई है। वहीं बच्चे की माँ ने पूरे मामले को लेकर कुछ भी नहीं कहा है।
यूपी के बाँदा जिले में पिता द्वारा अपने 8 दिन के बच्चे को मारकर नाले में दफ़नाने का आरोप है। वहीं आरोपी पिता का इलज़ाम को नकारते हुए कहना था कि उसके बच्चे को निमोनिया था और उसने अपने बच्चे को नहीं मारा। यह मामला जिले के तहसील नरैनी के अन्तर्गत आने वाले सराय जदीद का है।
16 अगस्त की सुबह यह घटना सबके सामने आई जिसके बाद कुछ स्थानीय लोगों ने इस पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस द्वारा भी मौके पर पहुंचकर पिता को गिरफ़्तार कर लिया गया। पूछताछ के बाद आरोपी पिता के बताने के बाद बच्चे के शव को नाले से बाहर निकाला गया व पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। कुछ समय बाद पुलिस ने आरोपी जलालुद्दीन को छोड़ दिया।
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यह है पूरा मामला
आरोपी जलालुद्दीन की भाभी ने खबर लहरिया को बताया कि 15 अगस्त की रात 10 बजे तक सब बाहर बैठे हुए थे और बच्चा पूरी तरह स्वस्थ था। इसके बाद सब लोग सोने चले गए। सुबह जब वह सो कर जागीं तो घर के बाहर भीड़ लगी हुई थी। लोग जलालुद्दीन से पूछ रहे थे कि, ‘बता बच्चे को कहां फेंका है, कहां ले गया है।’
मोहल्ले की एक महिला ने बताया कि जलालुद्दीन की पत्नी सुबह 5 बजे उसके घर आई और बताया कि उसका बच्चा घर में नहीं है। मिल नहीं रहा। पता नहीं उसका पति जलालुद्दीन उसके बच्चे को कहां ले गया। उसने पूरा घर ढूंढ़ लिया है इसलिए घर के बाहर लोग इकट्ठा हुए हैं। जलालुद्दीन कुछ बता नहीं रहा है बल्कि गाली-गलौच कर रहा है।
इसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस भी मौके पर आई। लोगों ने बताया कि पुलिस ने जलालुद्दीन को पकड़ा और पूछताछ करने लगी लेकिन वह कुछ भी नहीं बता रहा था। पुलिस आरोपी जलालुद्दीन को गांव के बाहर ले गई और दो-तीन थप्पड़ लगाए। इसके बाद जाकर उसने बताया कि बच्चे को उसने कहां पर गाड़ा है। फिर पुलिस ने उसके साथ जाकर बच्चे को नाली से खोदकर निकाला। जब बच्चे को निकाला गया है तो बच्चे के आंख और नाक से खून आ रहा था।
पुलिस जलालुद्दीन को थाने ले गयी और बच्चे की माँ मैना देवी को छोड़ दिया। मैना की देवरानी ने हमें बताया कि जलालुद्दीन उसके साथ हमेशा मारपीट करता था। इसी वजह से वह खुद अपने घर में नहीं रहती। वह बच्चे को लेकर मायके में रह रही थी। कुछ दिनों पहले ही वापस आई है।
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गाँव वालों ने दफ़नाया बच्चे का शव
पुलिस द्वारा बाद में आरोपी जलालुद्दीन को छोड़ उसे बच्चे का शव दाह संस्कार करने के लिए सौंप दिया गया। गाँव वालों ने बताया कि जब वह नरैनी गाँव आया तो बच्चे को उसने सब्ज़ी के थैले में रखा हुआ था जिसमें से खून टपक रहा था। वह न तो खुद बच्चे को दफ़ना रहा था और न ही किसी और को दफ़नाने दे रहा था। ज़बरदस्ती लोगों द्वारा आरोपी जलालुद्दीन से बच्चे के शव को लिया गया और नहला-धुलाकर बच्चे को दफ़न किया गया।
माँ ने कहा, मेरा तो कभी बच्चा ही नहीं हुआ
गाँव वालों ने आरोपी जलालुद्दीन के बारे में बताया कि वह सनकी किस्म का व्यक्ति है। अपनी पत्नी के साथ हमेशा मारपीट करता था और 15 अगस्त की रात को भी उसने पत्नी के साथ मारपीट की थी। पुलिस ने जब बच्चे की माँ से बच्चे के बारे में पूछा तो गाँव वालों के अनुसार उसे उसके पति जलालुद्दीन द्वारा डराया-धमकाया गया था। उसे यह बोलने को कहा गया कि उसे यह नहीं बताना कि बच्चा कहां है। यहां तक की उसने भी यह कह दिया कि उसका तो बच्चा हुआ ही नहीं है। उसके पेट में कैसा भरा हुआ था।
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निमोनिया से हुई बच्चे की मौत – एसओ
नरैनी के एसओ मनोज कुमार ने खबर लहरिया को बताया कि बच्चे को निमोनिया हुआ था। इसी वजह से वह खत्म हो गया। आरोपी जलालुद्दीन ने बिना किसी को बताये बच्चे को दफ़ना दिया। इसी वजह से हंगामा हो गया। पोस्टमॉर्टम में यही निकलकर आया है।
अगर पुलिस और आरोपी पिता जलालुद्दीन की बात मान भी ली जाए कि बच्चे की जान निमोनिया से हुई है तो फिर उसे छिपकर नाले में दफ़नाने का क्या मतलब बनता है? नाले में दफ़नाने को लेकर आखिर क्यों आरोपी जलालुद्दीन से पूछताछ नहीं की गयी? अगर बच्चे को सच में निमोनिया था तो कहीं तो उसका इलाज चल रहा होगा, इस बारे में क्यों नहीं पूछा गया? बच्चे की माँ क्यों चुप-चाप अपने मायके चली गयी?
इस घटना में जितने सवाल है, यह मामला उतना ही पेचीदा है। इस मामले को लेकर न तो बच्चे की माँ ने कुछ कहा, न सामने आई और न ही पुलिस ने पुख़्ता कार्यवाही की। सिर्फ गाँव वालों द्वारा इस पूरी घटना में जवाबदेही दी गयी।
इस खबर की रिपोर्टिंग गीता देवी द्वारा की गयी है।
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