अगर बना होता पुल तो न होती दुर्घटना। बांदा के मर्का थाना क्षेत्र में यमुना नदी घाट पर नाव पलट जाने से कई लोगों की जान चली गई तब से एक ही जिस बात का सबसे ज़्यादा जिक्र हुआ वह है यमुना नदी पर पुल का न बनना। लोग, अधिकारी और नेता यही बोल रहे है कि अगर पुल बना होता तो इतनी बड़ी दुर्घटना न होती।
मर्का घाट से चंद कदम पर बने घर के मालिक राजकुमार तिवारी बताते हैं कि उन्होंने अपनी साथ साल की उम्र में इतनी बड़ी और दर्दनाक घटना पहली बार देखी है। हमेशा से इसी घाट से यमुना नदी पार करते आ रहे हैं। पहले तो और ज्यादा नदी में बाढ़ आती थी। नदी के आसपास बने घर डूब जाते थे। सन 1978 में सबसे ज्यादा भयानक बाढ़ आई थी।
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राकेश ने कहा कि पुल की मांग लगभग दस साल पहले उठी लेकिन आज भी अधूरा पड़ा हुआ है। बसपा सरकार के समय पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस पल को पास किया। उसके बाद सपा सरकार के समय बजट भी पास हुआ लेकिन घोटाला हो गया। अब बीजेपी सरकार है और अब फिर से बजट पास हुआ है और बहुत धीमी गति से काम चल रहा है। सुना है कि 2023 में इस पुल को बनकर तैयार हो जाना है। पता नहीं कब तक तैयार हो।
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डीएम अनुराग पटेल से इस मुद्दे पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि इसका बजट पास हो गया है और काम चल रहा है। यह पल जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा। तब तक लोगों के आने जाने के लिए प्रशासन की तरफ से दो स्टीमर लगाए गए है जो हर रोज दो बार आना जाना करेंगे। उनसे कोई भी पैसा नहीं लिया जाएगा। पल बनने का समय 2023 है लेकिन उससे पहले बन जायेगा ऐसी उम्मीद है।
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