खबर लहरिया ताजा खबरें चमोली में क़ुदरत का कहर, कहीं प्रोजेक्ट कम्पनियाँ तो नहीं हैं जिम्मेदार? देखिये द कविता शो

चमोली में क़ुदरत का कहर, कहीं प्रोजेक्ट कम्पनियाँ तो नहीं हैं जिम्मेदार? देखिये द कविता शो

1.नमस्कार दोस्तों द कविता शो के इस ऐपीसोड में आपका स्वागत है । दोस्तों उत्तराखंड के चमोली जिले में 7 फरवरी को बर्फ का पहाड़ पिघलने मतलब हिम स्खलन होने की वजह से राज्य को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है । जानकारी के अनुसार, प्राकृतिक हिमस्खलन से अभी तक 20से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बहुत लोग सुरंगों में फंसे हैं बर्फ टूट के गिरने से अलकनंदा और धौलीगंगा नदी का जल स्तर बढ़ गया है और राज्य में बाढ़ आ गयी । अचानक से नदी में बाढ़ में बाढ़ आने से बहुत लोग बह गये ।

2.अचानक हुए हिमस्खलन से ऋषिगंगा और नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन को भी काफ़ी नुक्सान पहुंचा है। ग्लेशियर के फटने से सड़क, घर और लोगों का जीवन सब कुछ उसके साथ ही बह गया और कुछ भी नहीं बचा। लोगों के बचाव के लिए राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया टीमों को तैनात किया गया है। साथ ही भारत -तिब्बत सीमा पुलिस भी बचाव कार्य में लगी हुई है। लोगों को बाढ़ वाली जगह से हटाकर सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया जा रहा है। मरने वाले लोगों को सरकार मुआवजा देने की घोषणा कर दी है ।

3.तो हर साल की दवीय आपदा की वजह से कोई न कोई बड़ा हादसा होता है और जान माल का नुक़सान होता है । प्राकृतिक आपदाएं क्यों आती है ।कभी आप लोगों ने इस पर गौर किया है । मैं जो गौर कर रही हूं उसको जोड़ना चाहती हूं । प्राकृतिक आपदाएं आती है इंसान की की गई लापरवाही की वजह से । और जो लापरवाही हो रही है न वो धोखे से या गल्ती से नहीं है जानबूझ कर हैं और इंसान अपने भलाई के लिए करता है । कैसे करता है आओ चर्चा करें। तो इंसान सदियों से पहाड़ की हरी लकड़ियों को काटता चला आ रहा है । बड़ी बड़ी कम्पनियां और अमीर लोग पहाड़ो को खोद कर उससे ग्रेनाइट पत्थरों को निकाल कर महंगे दामों में बेच रहें हैं। जिससे ऊंचे ऊंचे पहाड़ ही खत्म कर दिए गए । ये सब आंखों देखी बातें बता रही हूं दोस्तों। दिल को बहुत तकलीफ़ होती है मुझे ऐसे बोलते हुए। क्योंकि ये कहानी कही और की नहीं मेरे अपने बुंदेलखंड की है मेरे इलाके के सुंदर सुंदर पहाड़ों को बड़ी कम्पनियों ने खोद कर खाई बना डाला , चित्रकूट का भरतकूप क्षेत्र पहाड़ों से घिरा होता था इतना खूबसूरत लगता था की पूछो न । इस सुंदरता को मेरे आंखों के सामने खत्म कर दिया ‌।

4.बांदा का नरैनी क्षेत्र के पहाड़ों को खोद कर खाई बना दिया महोबा के कबरई क्षेत्र के सारे पहाड़ों को खत्म कर दिया अब तो कयी पहाड़ों के पास जाकर देखते हैं तो पहले जितनी ऊंचाई होती थी आज पहाड़ उतने ही नीचे गहरे कर दिये गये हैं । और वो खाई लोगों के आत्म हत्या का एक जरिया भी बन गया है। नदियो का सीना चीर कर बालू निकाली जा रही है जिस वजह से नदियां सूख रही है । तो दोस्तो अगर पेड़ काटोगे ,पहाड़ खत्म करोगें नदियां का सीना चीरोगें तो क्या प्रकृति को दुख नहीं होगा। इससे पार्यावरण में बुरा प्रभाव पड़ता है। गर्मी पैदा होती है और यही कारण है कि बर्फ के पहाड़ पिघल रहे हैं तो कहीं पर बारिश नहीं हो रही है। और दोनों ऐसी चीजें हैं जो इंसान की जिंदगी को खत्म कर रही हैं और इंसान जो ऐसी गल्तियां कर रहें हैं वो बढिया आराम फरमा रहे हैं। अब तैयार हो जाइए प्रकृति की मार झेलने के लिए। एक कहावत है बता देती हूं जिनको नहीं पता होगा, कहते हैं कि ऊपर वाले की लाठी से कोई नहीं बचता है। और ऊपर वाले का मतलब सीधे प्रकृति से है।

5.अच्छा एक बात और है प्रकृति को खत्म करने में मेरे इलाके के सांसद विधायक छुट भैया नेता पुलिस प्रशासन और सरकार का भी सबसे बड़ा हाथ है। मजाल की कोई इन महानुभावों के खिलाफ आवाज उठा सकें और जो हिम्मत करते हैं उनके ऊपर फर्जी मुकदमे लगा दिये जाते सीधे सलाखों के भीतर या फिर ऊपर पहुंचा देते हैं । तो हमारे सामने इतनी बड़ी आपदा है बर्फ का पहाड पिघलने से नदियों में बाढ़ आई और उससे दबाही मची है अभी एक ग्लेसियर पिघला है धीरे-धीरे और भी बर्फ के पहाड़ों को पिघलने की आशंका जताई जा रही है ।तो दोस्तों बहुत ही चिंताजनक विषय है आप इसपर सोचिए चर्चा करके सवाल करिए और पहाड़ नदी को खत्म करने से बचाईये ।

6.दोस्तों आपको कैसे लगा ये शो आप जरूर से मुझे बताईये। अगल शो पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ में सेयर करें और कमेंट करना न भूलें । अगर आपने अभी तक हमारे चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया है तो अभी ही कर लें । तो अगले एपीसोड में मैं फिर मिलूंगी कुछ करारु बातों के साथ जबतक के लिए नमस्कार