खबर लहरिया औरतें काम पर फूलन देवी ने अकेले दम पर बच्चों का भविष्य बनाने की संभाली कमान। कोशिश से कामयाबी तक

फूलन देवी ने अकेले दम पर बच्चों का भविष्य बनाने की संभाली कमान। कोशिश से कामयाबी तक

चित्रकूट ज़िले के छतैनी गांव की रहने वाली फूलन देवी की शादी बहुत ही छोटी उम्र में हो गई थी। कम उम्र में ही दो बच्चों की माँ बन चुकीं फूलन के जीवन में कठिनाइयों का पहाड़ तब टूट पड़ा जब उनके पति का देहांत हो गया। फूलन देवी को अपने बच्चों का पेट पालना था लेकिन रिश्तेदारों और गांव वालों ने किसी भी तरह की सहायता करने से इनकार कर दिया।

an inspiring story of phoolan devi of chitrakoot district who dance and sing to make a living for her children

                                                   फूलन देवी, अपने बच्चे के साथ

तब फूलन देवी ने शुरू-शुरू में मज़दूरी का काम करके अपने और अपने बच्चों का पेट पालना शुरू किया। लेकिन धीरे-धीरे उनको ऑर्केस्ट्रा प्रोग्राम के बारे में पता चला। बचपन से ही डांस और गाना गाने का शौक रखने वाली फूलन देवी ने 2015 में एक ऑर्केस्ट्रा टीम में शामिल होने का फैसला किया।

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शुरू-शुरू में घरवालों और गाँव के लोगों उनके इस काम को लेकर कई तरह के सवाल उठाए, लेकिन फूलन देवी ने किसी भी तरह की अफवाह को अपने काम के आड़े नहीं आने दिया। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ा लोगों ने भी उनके काम की इज़्ज़त करना शुरू कर दिया।

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            फूलन देवी ने अपने बच्चों के भविष्य के लिए ऑर्केस्ट्रा टीम में जाने का किया फैसला 

 

आज फूलन देवी अपने शो करने बांदा से लेकर प्रयागराज तक जाती हैं और अपने बच्चों को पला रही हैं।

पति के देहांत के बाद फूलन देवी ने समाज की फ़िक्र किए बगैर अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए घर चलाने की बागडोर संभाली। गांव और रिश्तेदारों की परवाह किए बिना फूलन देवी आज अपने टैलेंट से नाम भी कमा रही हैं और अपने बच्चों का अकेले दम पर भरण-पोषण भी कर रही हैं।

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