खबर लहरिया National अम्बेडकर जयंती स्पेशल : संविधान के निर्माता को शत-शत नमन! देखें द कविता शो

अम्बेडकर जयंती स्पेशल : संविधान के निर्माता को शत-शत नमन! देखें द कविता शो

आप सबको भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जयंती की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं। दोस्तों बाबा साहब की जयंती विश्व भर में सबसे बड़ी जयंती के रूप में मनाई जाती हैं। बाबा साहब की वजह से ही आज मैं इस मंच में बैठ कर बोल पा रही हूँ दुनिया में जो कुछ भी चलता है वो भीम राव अम्बेडकर की देन है। लेकिन दुःख की बात ये है की बाबा साहब के बारे में आज की यूथ को कोइ जानकारी नहीं है।

हमने ये जानने के लिए कैमरे लेकर निकल पड़े़ फिल्ड में। हमने आज की यूथ से बहुत कॉमन सवाल पूछा जैसे संविधान के रचैइता कौन है। अम्बेडकर जयंती कब होती है बाबा साहब की कौन सी बुक है। वो किस जाती के है। संविधान कब लागू हुआ आदि। इसका कोई ठीक जवाब नहीं दे पाए छोटे बच्चो से लेकर बड़ी उम्र के बच्चे जो इण्टर कर चुके है वो भी नहीं दे पाएं हैं। कितनी शर्म की बात है जिस इन्सान ने हमें पढ़़ने लिखने रहने खाने का अधिकार दिया उसके बारे में हमें पता नहीं है।

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स्कूली किताबों में भी बाबा साहब का कोई सब्जेक्ट भी नहीं हैं जिससे टीचर पढा़ये और बतायें सारी जानकारी तो हमको स्कूली शिक्षा से ही मिलती है तो फिर बाबा साहब के बारे में और संविधान के बारे में शुरुआती कक्षा से बच्चों को पढा़ना चाहिए । एक और बहुत बडी़ कमी मैने समाज में देखी और वो कमी है बाबा साहब से भेदभाव। आप कहेंगें कैसे। तो सुनिए। हर दफ्तर में चाहे सरकारी हो मीडिया के हो पार्टी के हो कही पर आपको अम्बेडकर जी की प्रतिमा नहीं लगी मिलेगी। जबकि गांधी जी नेहरू जी सुभाषचन्द्र बोस सबकी मिलेगी लेकिन बाबा साहब को देखना भी या उनके बारे में बात करना तक लोग पसंद नहीं करते हैं।

उनकी जयंती को भी नहीं मनाते हैं। एक तरह की सोच बन गई है की ये जयंती दलितों के लिए है या बहुजन समाज पार्टी के लोग ही मनाएगें क्योंकि उनका ऐसा मानना है कि ये पार्टी दलितों की हैं इसलिए आपको उच्च जाती के लोग बहुत कम मिलेंगे जो इनकी जयंती मनाते होंगे या बधाई देते होंगे। दोस्तों ऐसी विडम्बना क्यों है इस समाज में। किताबों में बाबा साहब का सब्जेक्ट क्यों नहीं है। ये बहुत गंभीर विषय है इसको लेकर सरकार और समाज दोनों को सकारात्मक रूप से सोचना होगा।

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