खबर लहरिया ताजा खबरें भाजपा के 55 प्रतिशत सांसद पर है आपराधिक केस

भाजपा के 55 प्रतिशत सांसद पर है आपराधिक केस

16 वीं लोकसभा के कार्यकाल के अंत में, आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले सबसे ज्यादा सांसद भाजपा से हैं। सभी पार्टियों के 521 सासंदों में से 106 पर हत्या, साम्प्रदायिकता भड़काने, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराधों जैसे गंभीर मामलों का आरोप है। इनमें से 55 % सांसद भाजपा से हैं, जबकि 2%  कांग्रेस से, 3% ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम से, शिवसेना से 17 % और तृणमूल कांग्रेस 7 %  से हैं

ये नेशनल इलेक्शन वॉच’ ( एनईडब्लू ) द्वारा किए गए एक विश्लेषण से पता चलता है। मृत्यु, दिवालियापन, मानसिक बीमारी या किसी गंभीर अपराध के लिए सजा जैसे कई कारणों से हुए उप-चुनाव के कारण अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान, संसद के निचले सदन की संरचना में बदलाव हुए हैं।  2014 के चुनावों में लोकसभा में चुने गए ऐसे लोगों की संख्या सबसे ज्यादा देखी गई, जिन पर अपराधिक मामले थे।

वर्तमान लोकसभा की शुरुआत से लेकर अब तक, आपराधिक मामलों वाले सांसदों की संख्या में मामूली कमी आई है, शुरू में चुने गए 541 सदस्यों में से 186 थे। अब 521 सदस्यों में से 174  हैं। इस लोकसभा कार्यकाल के अंत तक, गंभीर आपराधिक आरोप वाले सांसदों की संख्या 15 राज्यों में बढ़ गई है, जिनमें से पांच में बीजेपी की और दो में कांग्रेस की सरकारें हैं। बिहार, जहां संख्या सबसे अधिक (8 से 18 तक) बढ़ी है, वहां  जनता दल यूनाइटेड का शासन है। जनता दल यूनाइटेड वर्तमान में केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार का हिस्सा है।

उत्तर प्रदेश में आपराधिक मामलों का सामना करने वाले सांसदों की संख्या 12 थी, जो किसी भी राज्य से सबसे अधिक थी, और अब यह 21 से अधिक हो गई है। महाराष्ट्र में, कार्यकाल की शुरुआत में 11 से, संख्या अब 19 है। बिहार में, संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है, 2014 में 8 से 2019 तक 18 हो गई है। 106 में से 10 पर हत्या का आरोप है – चार बीजेपी से, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), लोकतांत्रिक जनता दल, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और स्वाभिमानी पक्ष से एक-एक और एक निर्दलीय है।

 14 सांसदों पर हत्या के प्रयास के मामले हैं । इसमें बीजेपी के आठ और कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी, राजद, शिवसेना और स्वाभिमानी पक्ष के एक-एक हैं।

 कुल मिलाकर 521 सांसदों में से 430 ने 1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है। भाजपा के 267 सांसद करोड़पति हैं। भाजपा सांसदों के पास औसत संपत्ति 11.89 करोड़ रुपये है। कांग्रेस के पास 37 करोड़पति सांसद हैं, लेकिन उनके पास मौजूद संपत्ति की औसत राशि 15.57 करोड़ रुपये अधिक है। एआईएडीएमके से 29 और टीएमसी से 22 करोड़पति सांसद हैं।