खबर लहरिया ताजा खबरें 4 साल में लोकसभा सत्र में हंगामे के कारण, जनता के 198 करोड़ रुपये बर्बाद

4 साल में लोकसभा सत्र में हंगामे के कारण, जनता के 198 करोड़ रुपये बर्बाद

बजट सत्र के दौरान हंगामें के कारण लोकसभा का 127 घंटे से ज्यादा समय यूं ही बर्बाद हो गया। 5 मार्च से शुरू हुए सत्र में कुल 23 बैठकें निर्धारित की गईं थीं। बजट सत्र का पहला हिस्सा 29 जनवरी से शुरू होकर 9 फरवरी तक चला, जिसमें कुल 8 बैठकें हुईं। इस तरह 68 दिनों से इस बजट सत्र में कुल 31 बैठकें तय थीं।
इस दौरान लोकसभा में करीब 28 विधेयक पेश किए जाने थे वहीं राज्यसभा के एजेंडे में 39 विधेयक शामिल थे। लोकसभा में सिर्फ 5 विधेयक ही पारित किए जा सके जिनमें वित्त विधेयक भी शामिल है।
वहीं राज्यसभा से सिर्फ एक ग्रेच्युटी भुगतान संशोधन विधेयक 2017 ही पारित हो सका। कामकाज के लिहाज से यह सत्र बीते 10 साल का सबसे हंगामेदार सत्र साबित हुआ। सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में लगातार गतिरोध की स्थिति बनी रही और कार्यवाही को एक दिन में कईकई बार स्थगित करना पड़ा।
लोकसभा की कार्यवाही बीते 15 दिनों से औसतन 10-15 मिनट ही चल पाई है। सदन में जब से अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया तब से एक भी दिन सदन ऑर्डर में नहीं रहा। इसके चलते पूरे सत्र के दौरान विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को सदन में नहीं रखा जा सका। राज्यसभा की कार्यवाही भी 10 से ज्यादा दिन तो सिर्फ 2 मिनट तक ही चल सकी है।
पूरे बजट सत्र के दौरान लोकसभा की कुल 28 बैठकों में करीब 23 फीसदी कामकाज हुआ जबकि राज्यसभा में इस दौरान 28 फीसदी कामकाज हो सका। कामकाज के मामले में बीते साल दोनों सदनों ने रिकॉर्ड बनाया था जब बजट सत्र के दौरान लोकसभा में 108 फीसदी और राज्यसभा में 86 फीसदी कामकाज हुआ था।
इस सत्र को चलाने में अब तक 198 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च हुए हैं। इसमें सांसदों के वेतनभत्तों, अन्य सुविधाओं और कार्यवाही से संबंधित इंतजाम पर खर्च शामिल है।
लेकिन इतनी भारीभरकम राशि खर्च होने के बावजूद संसद को सुचारू रूप से नहीं चलाया जा सका।
इससे पहले 2012 के मॉनसून सत्र को संसदीय इतिहास का सबसे हंगामेदार सत्र माना गया। इस दौरान तत्कालीन यूपीए सरकार कोयला घोटाले के आरोपों से घिरी थी और विपक्षी दल सरकार पर लगातार हमले कर रही थी।
इसके बाद टूजी मामले और नोटबंदी लागू किए जाने के बाद भी संसद का सत्र हंगामेदार रहा था। लेकिन इस बार का बजट सत्र बीते सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए कामकाज के लिहाज से संसद का सबसे खराब सत्र माना जा रहा है।

फोटो और लेख साभार: इंडियास्पेंड