खबर लहरिया जासूस या जर्नलिस्ट कैसे अपराध की भेंट चढ़े 2 मासूम बच्चे देखिये जासूस या जर्नलिस्ट

कैसे अपराध की भेंट चढ़े 2 मासूम बच्चे देखिये जासूस या जर्नलिस्ट

Jasoos Ya Journalist, Hindi News

12 फरवरी को चित्रकूट जिले में जानकी कुंड के सद्गुरु ट्रस्ट स्कूल का मामला सामने आया था। जिसमे स्कूल बस को रोककर मुँह बांधे बदमाशो ने दो जुड़वा बच्चो का अपहरण कर लिया था। बच्चो के माता पिता ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी। पर यह यू.पी और एम.एमपी. का मामला होने ही वजह से किसी भी थाने की पुलिस ने गंभीरता से नही लिया। पुलिस की लापरवाही के चलते अपहरण कर्ताओ ने फिरौती लेने के बाद भी जुड़वा बच्चो को मारकर यमुना नदी में फेंक दिया।

24 फरवरी को जब यह लाश पानी मे तैरती मिली तो इसकी सूचना आग की तरह दुनिया मे फैल गई। लोग देखने के लिए लिए इकट्ठा होने लगे, जनता के बीच पुलिस की लापरवाही के कारण गुस्सा फूटने लगा। देखते ही देखते जनता और पुलिस के बीच पथराव शुरू हो गया। कई लोग बुरी तरह से घायल हो गए।

मामला चित्रकूट जिले के रामघाट पर लाल तेल का ब्यापारी ब्रजेश रावत के घर का है। जो कई सालों से तेल बेचने का ब्यापार करता था। जो अपने आप मे एक बड़ा ब्रांड था। ईनकी शादी 13 साल पहले हुई थी। बच्चो को गोद मे खिलाने के लिए यह परिवार 13 साल तक तरसता रहा। बड़ी डॉक्टरी के बाद 2 जुड़वा बच्चे हुए, परिवार में खुशी का ठिकाना नही रहा। दोनों भाई स्कूल में पढ़ते थे। 12 फरवरी को स्कूल बस से वापस आ रहे थे तभी लाल साफी से मुंह बांधे तमंचा लिए दो बदमाश मोटरसाइकिल से आये, और बच्चों का स्कूल की बस से ही अपहरण कर लिया। और फिरौती में 2 करोड़ रूपये मांग की। परिवार ने इसकी सूचना एमपी पुलिस को दी, क्योंकि घटना एमपी में हुई थी। और बच्चो को खोजने की गुहार लगाई। पर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नही लिया। क्योंकि परिवार यूपी का रहने वाला था। अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की क़ीमत 2 करोड़ से घटा कर 20 लाख कर दी। परिवार वालो ने 20 लाख रुपए फिरौती के दिये। बदमाश बच्चो को वापस देने की वजह 4 पहिया गाड़ी में बांदा, इलाहाबाद और चित्रकूट घुमाते रहे।

यह हम नही बल्कि एमपी की पुलिस कह रही है।

बदमासो का जब जी नही भरा तो और अपनी पहचान छुपाने के लिए 24 फरवरी को दोनो  बच्चो को मार कर बांदा जिला के यमुना नदी में जंजीर से बांध कर फेंक दिया। इस घटना की सूचना मिलते ही चारो तरफ़ जनता ही जनता दिखाई देने लगी। यह जनता पुलिस के इस नाकामयाबी और बच्चो की लाश को देखकर भारी आक्रोश में थी। देखते ही देखते जनता और पुलिस के बीच पथराव होने लगा। पीड़ित परिवार को भी पुलिस ने मारा।

इस मामले को शांत करवाने के लिए एमपी पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमे अपराधियो को पकड़ने की बात कही, पुलिस ने 2 गाड़िया और 17 लाख 67 हजार रुपये सहित हथियार बरामद किए थे। पुलिस ने बताया कि अपहरण करने में मुख्य आरोपी बजरंग दल का क्षेत्रीय सयोजक, था। जिसमे ट्यूशन टीचर, स्कूल मालिक का बेटा, सहित 6 लोग शामिल है।

सूत्रों के अनुसार जिन गाड़ियों को पुलिस ने पकड़ा है वह बीजेपी पार्टियों के कर्ताओ की है। इस केस के पीछे बड़े लोगो का हाथ है। जो पर्दे के पीछे है।

पुलिस ने ये भी बताया कि जब अपहरण की शिकायत की गई थी तो यूपी और एमपी के रास्तों सीज कर दिया था। साधन इधर से उधर आने जाने पर रोक लगा दी थी।

पर सवाल ये उठ रहा है जब पुलिस ने रास्ता सीज कर कर दी थी तो बदमाश 12 दिन तक बदमाश कैसे बच्चो को गाड़ी में एक से दो और दो तीन जिले में घुमाते रहे। पुलिस कैसे नही इन अपराधियो को पकड़ पाई, कही ऐसा तो नही की बीजेपी के नेताओ की गाड़िया होने की वजह से इस गाड़ी की चेकिंग नही की या पुलिस का इसमे केस के बड़ा रोल हो। ये जांच का विषय है, हालांकि पुलिस ने फॉर्मलटी पुरी करने के लिए तैनात दरोगा और सिपाहियों को लाइन हाजिर किया है।

अब देखना यह है कि इसमें क्या कार्यवाही की जाएगी। उन परिवार में दुबारा कैसे चेहरे पर खुशिया आएंगी। क्या पुलिस की कार्यवाही से अपराधी ऐसे अपराध करने से बाज आएंगे, या  दुबारा से किसी नेता के सपोर्ट से ऐसी घटना को अंजाम देंगे।