खबर लहरिया Blog छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के बाद लापता 17 जवान शहीद

छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के बाद लापता 17 जवान शहीद

छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के बाद लापता 17 जवान शहीद

 

23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। साल 1931 में आज ही के दिन आजादी के तीन मतवालों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फांसी दे दी गई थी। इतिहास में दर्ज इस महत्वपूर्ण घटना को आज भी शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं. लेकिन आज एक और दुःखद घटना का हम सामना कर रहे हैं.घटना है छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की जहाँ क्सलियों से मुठभेड़ में 17 जवान शाहिद हो गए.

 

21 मार्च दोपहर में सुकमा के चिंतागुफा थाना क्षेत्र के कसालपाड़ और मिनपा के बीच नक्सलियों ने सुरक्षाबल के जवानों पर हमला कर दिया था. इस हमले के बाद 17 जवान लापता थे, जबकि 15 जवान घायल हो गए थे. 23 मार्च को सभी लापता जवानो के शव मिल गए हैं. बस्तर आईजी पी सुंदराज ने जवानों के शहीद होने की पुष्टि की है. इसमें 12 एसटीएफ और पांच डीआरजी के जवान बताए जा रहे हैं. घायलों को इलाज के लिए रायपुर एयरलिफ्ट किया गया है. दो घायल जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है. बस्तर क्षेत्र के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार सुकमा जिले के मिनपा गांव के जंगल में 250 की संख्या में नक्सलियों ने लगभग 1.5 किलोमीटर तक घात लगाकर जवानों पर हमला किया था। सुरक्षा बलों ने नक्सलियों का जमकर मुकाबला किया और लगभग चार घंटों तक गोलबारी होती रही। सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के दौरान 8-9 नक्सलियों को मार गिराया है और इतने ही संख्या में नक्सली घायल भी हुए हैं। इस मुठभेड़ के बाद से कम से कम 15 हथियार गायब हैं जिनमें एके 47 और अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर जैसे हथियार भी शामिल हैं। मुठभेड़ में घायल जवानों को रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दो घायल जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है
मुख्यमंत्री बघेल 23 मार्च को रायपुर से हेलीकॉप्टर से सुकमा पहुंचें और नक्सली हमले में शहीद जवानों को सुकमा में श्रद्धांजलि दी. मुख्यमंत्री बघेल ने जवानों की शहादत पर गहरा दुःख प्रकट किया है। उन्होंने शहीद जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए घटना में घायल जवानों के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।