खबर लहरिया राजनीति सुरक्षा के बावजूद कैसे जलाया गया दलित परिवार

सुरक्षा के बावजूद कैसे जलाया गया दलित परिवार

supadeफरीदाबाद, हरियाणा। फरीदाबाद के सुनपेड़ गांव में एक दलित परिवार को जि़न्दा जला दिया गया। इस घटना में दो बच्चों की मौत हो गई जबकि पति-पत्नी घायल हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने परिवार को दस लाख रुपये मुआवज़ा देने का ऐलान किया है।
हमले में घायल पिता जितेन्द्र का आरोप है कि 20 अक्टूबर की सुबह करीब 3 बजे उसके घर में कई सवर्ण जाति के लोग दाखिल हुए और पेट्रोल डालकर उनके परिवार को जि़न्दा जला दिया। इस घटना में जितेन्द्र का दो साल का बेटा वैभव और करीब एक साल की बेटी दिव्या की मौत हो गई। पत्नी और वह घायल है।
छावनी में तब्दील गांव
घटना के बाद पुलिस ने गांव को छावनी में तब्दील कर दिया। हालांकि पुलिस को ऐसा कोई नहीं मिला जिसने आरोपियों को देखा हो। चैंकाने वाली बात यह है कि जितेन्द्र के परिवार को एक साल से सुरक्षा में पुलिसकर्मी मिले थे लेकिन उनकी मौजूदगी में कैसे किसी ने इस वारदात को अंजाम दे दिया।
यह था मामला
सुनपेड़ गांव में करीब बीस फीसदी आबादी दलितों की है और साठ फीसदी सवर्ण हैं। गांववालों और पुलिस से पूछताछ के बाद पता चला कि अक्टूबर 2014 में गांव के सवर्ण और दलित परिवार के कुछ लड़कों में मोबाइल को लेकर झगड़ा हुआ था। इसके बाद 5 अक्टूबर 2014 को दलित जितेन्द्र के परिवार के कुछ लोगों ने तीन सवर्ण लड़कों भरतपाल, मोहन और पप्पी की हत्या कर दी जबकि इस घटना में तीन सवर्ण घायल भी हुए थे। इस मामले में 11 दलितों को गिरफ्तार किया था। तभी से जिंतेंद्र के घर को पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए मिले थे।