खबर लहरिया जवानी दीवानी विज्ञानिकों के सिद्धांतों को खारिज कर चर्चा में आये केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह

विज्ञानिकों के सिद्धांतों को खारिज कर चर्चा में आये केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह

साभार: विकिपीडिया

डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत को खारिज करने के बाद मंत्री सत्यपाल ने महान वैज्ञानिक सर आइजक न्यूटन के सिद्धांत को खारिज कर दिया है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने यह दावा किया है कि न्यूटन से काफी पहले ही भारतीय मंत्रों मेंगति के नियममौजूद थे। यह दावा उन्होंने शिक्षा पर सलाह देने वाले सरकार के उच्चतम केंद्रीय सलाहकार निकाय की 15 और 16 जनवरी की बैठक में किया था।
एक अंग्रेजी अख़बार की खबर के अनुसार उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां ऐसे कई मंत्र हैं जिनमें न्यूटन द्वारा खोजे जाने से काफी पहलेगति के नियमोंको संहिताबद्ध किया गया है। इसलिए, यह आवश्यक है कि परंपरागत ज्ञान हमारे पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएं।इस बैठक में कई केंद्रीय मंत्री और राज्यों के शिक्षा मंत्री भी शामिल थे।
पूर्व आईपीएस और मुंबई के पुलिस कमिश्नर रह चुके सत्यपाल इसके पहले उन्होंने डार्विन के विकासवाद के इस सिद्धांत को गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि बंदर असल में मनुष्यों के पूर्वज हैं।
बता दें कि औरंगाबाद के ऑल इंडियन वैदिक सम्मेलन में दिए गए अपने इसवैज्ञानिक बयानमें सत्यपाल सिंह ने कहा था कि जब से आदमी इस धरती पर है, उसको हमेशा आदमी की तरह ही देखा है। किसी किताब में बदलाव का ज़िक्र नहीं है, किसी पूर्वज ने ये नहीं कहा कि उन्होंने किसी को बंदर से इंसान में विकसित होते देखा हो।