खबर लहरिया राजनीति पीएम मोदी सांसदों पर फिर हुए नाराज!

पीएम मोदी सांसदों पर फिर हुए नाराज!

साभार: विकिपीडिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार बीजेपी सांसदों को संसद की कार्यवाही के दौरान सदन में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की नसीहत दे चुके हैं, लेकिन लगता नहीं कि बीजेपी सासंदों पर इसका कोई असर हुआ है।
बीजेपी सांसदों के इसी रवैये के चलते 31जुलाई को सदन में मोदी सरकार की किरकरी हो गई। दरअसल, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक संसद में पास तो हुआ लेकिन विपक्ष का एक संशोधन मंजूर हो गया।
बताया जा रहा है इस घटनाक्रम से पीएम मोदी बेहद नाराज हैं। चूंकि यह संविधान संशोधन बिल है, ऐसे में संशोधित बिल को लोकसभा से दोबारा पास करवाना होगा। वहां से पास होने के बाद राज्यसभा में फिर बिल आएगा।
इससे पहले राज्य सभा में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने संविधान संशोधन बिल राज्यसभा में पेश किए। गहलोत ने इन विधेयकों के मकसद और कारणों का जिक्र करते हुए कहा है कि इन विधेयकों के जरिए देश में पिछड़े वर्गों के हितों की प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की तर्ज पर पिछड़ा वर्ग आयोग को भी संवैधानिक दर्जा दिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि 1993 में गठित पिछड़ा वर्ग आयोग अभी सिर्फ सामाजिक और शैक्षणिक आधार पर पिछड़ी जातियों को पिछड़े वर्गों की सूची में शामिल करने या पहले से शामिल जातियों को सूची से बाहर करने का काम करता था। प्रस्तावित विधेयक के प्रावधानों के तहत नए आयोग में एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और तीन अन्य सदस्य शामिल होंगे। 
बिल को पास कराने के दौरान तब असाधारण स्थिति पैदा हुई जब विपक्ष खासकर कांग्रेस सदस्यों का संशोधन पास हो गया। इसमें कांग्रेस का संशोधन था कि ओबीसी कमीशन में एक महिला और एक अल्पसंख्यक मेंबर भी हो। इस संशोधन का सरकार ने विरोध किया।
जब ओबीसी आयोग पर बहस हो रही थी जो कि संविधान संशोधन है। सरकार के कई सदस्य उपस्थित नहीं थे। सदन में मात्र 126 मेंबर उपस्थित थे। इससे बीजेपी और सरकार को किरकिरी का सामना करना पड़ा। विपक्ष ने सरकार पर बिल को हल्के में लेने का आरोप भी लगाया।
सरकार के सदस्यों की कमी के कारण विपक्ष अपना संशोधन पास कराने में सफल रही जिससे अभी भी बिल पूरी तरह पास नहीं हो सका है। बता दें कि हाल के दिनों में खुद पीएम ने कई मौकों पर सदन में उपस्थिति बढ़ाने को लेकर बीजेपी सांसदों को सख्त निर्देश दिए थे।