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नाम का बना अस्पताल

जौरही गांव का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, डाक्टर का इंतज़ार करत मड़ई

जौरही गांव का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, डाक्टर का इंतज़ार करत मड़ई

जिला बांदा, ब्लाक बड़ोखर खुर्द, गांव जौरही। हेंया के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मा न समय से डाक्टर आवत अउर न ही सेंत मा इलाज होत आय। लगभग पन्द्रह साल पहिले बने या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मा दस गांव के मड़ई दवाई करावै आवत हैं।
बिलबई गांव का बद्दा 14 दिसम्बर 2013 का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मा दवाई करावैं खातिर बइठ रहै। वा बतावत है कि गरीब मड़ई सोचत है कि सरकारी अस्पताल मा दवाई करावै जइबे तौ रूपिया न लागी, पै सरकारी अस्पताल के डाक्टर भी बिना रूपिया के इलाज नहीं करत आय। मैं जबै भी दवाई करावैं आवत हौं तौ दस बीस रूपिया डाक्टर लई लेत हैं। बिना रूपिया नींक दवाई नहीं करत आय।
मजरा फुल्ला पुरवा के केसरिया, ददरिया मजरा का धनीराम अउर जौरही का हीरा लाल कहत है कि सुबेरे दस बजे से बइठे-बइठे दुई बज जात हैं। मड़ई तौ दूरदराज के गांवन से बहुतै उम्मीद के साथै आवत है कि दवाई करा आवन, पै समय से मड़इन का इलाज नहीं होत आय। यहिके बाद भी निराश होइके लउटै का परत है।
अस्पताल के फार्मासिष्ट लालबाबू का कहब है कि जउन दवाई प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मा आवत हैं उंई मरीजन का दीन जात हैं। रूपियन मा कउनौ दवाई नहीं दीन जात आय।
सी.एम.ओ. आफिस के बड़े बाबू किशोर सिंह का कहब है कि वा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का डाक्टर शिवप्रकाश सिंह है। हमरे लगे वा अस्पताल के कउनौ शिकाइत नहीं आई है। अस्पताल मा दवाई का पइसा लागै का कउनौ नियम निहाय। अगर इनतान के बात है तौ हम गांव मा जा के जांच करबे।