खबर लहरिया राजनीति नाइजीरिया के लिए इंसाफ की पुकार

नाइजीरिया के लिए इंसाफ की पुकार

नाइजीरिया, अफ्रीका। नाइजीरिया देश की दो सौ से ज़्यादा स्कूली छात्रा जिन्हें आतंकवादी गुट ‘बोको हराम’ ने 15 अप्रैल को अगवा किया था, वे अब तक लापता हैं। ‘बोको हराम’ के लीडर अबूबक्र शिको ने एक वीडियो के ज़रिए संदेश पहुंचाया कि सरकार ‘बोको हराम’ के कुछ सदस्यों को जेल से रिहा करदें। वीडियो में छात्राओं को कोरान का अभ्यास कराया जा रहा था।
कई देश नाइजीरिया की मदद कर रहे हैं। अमेरिका और इंगलैंड ने कहा कि वे अपने कुछ खास अफसार भेजेंगे जो छात्राओं को ढूंढने में मदद कर सकते हैं। चीन ने भी मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने इस घटना की ओर लोगों का ध्यान लाने के लिए इंटरनेट के ज़रिए जागरुकता बढ़ाने की कोशिश भी की है। इनमें से एक अमेरिका के राष्ट्रपति की पत्नी मिशैल ओबामा भी हैं। पर अब इस सहयोग पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं क्योंकि इनमें से कई देशों की सरकार खुद मानव अधिकारों को दबा चुकी हैं।

16-05-14 Desh Videsh - Nigeria Michelle Obama16-05-14 Desh Videsh - Le Kiquang in Nigeria (web)अमेरिका खुद कई सालों से अफगानिस्तान में चल रहे युद्ध के लिए जि़म्मेदार है। 2003 से अब तक इस युद्ध में कई स्कूलों पर भी बम गिरे, लाखों बेकसूर लोग और बच्चे मारे गए। यही अमेरिका अब इन छात्राओं के लिए मदद कर रही है। इसी तरह, सालों से चीन की सरकार का नाम पास के तिब्बत के लोगों पर अत्याचार ढाने के लिए विवाद में रही है।
आलोचकों का कहना है कि ऐसे देश और ऐसी सरकारें खुद चाहे जो करें, किसी और देश के ऐसे मामले का फौरन खंडन करने को तैयार रहते हैं। नाइजीरिया की इस घटना का भी ये अपनी छवि सुधारने के लिए पूरा इस्तेमाल कर रहे हैं। इनकी मदद के पीछे छिपे उद्देश्य पर भी ध्यान देना चाहिए।