खबर लहरिया राजनीति तमिलनाडु में जयललिता की मौत के बाद सियासी घमासान जोरों पर

तमिलनाडु में जयललिता की मौत के बाद सियासी घमासान जोरों पर

साभार: विकिपीडिया

जयललिता की मृत्यु के बाद पूरा तमिलनाडु शोक में डूब गया था पर अब वहां सियासी घमासान मचा हुआ है। लोग उनके शोक से बाहर निकल भी नहीं पाए थे कि मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर शशिकला और पन्नीरसेल्वम के बीच घमासान शुरू होगा गया है।

पनीरसेल्वम कहते हैं कि उनके सपने में अम्मा आर्इं और उन्होंने कहा कि वे उनकी कब्र के पास जाएं और तमिलनाडु की बागडोर अपने हाथो में लें! पन्नीरसेल्वम 2011 से 2014 तक तीन साल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। जबकि शशिकला ने आज तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पन्नीरसेल्वम और शशिकला के बीच मुख्यमंत्री के पद को लेकर आपस में ठन गई है। पन्नीरसेल्वम का कहना है कि जब वे मुख्यमंत्री के पद पर पर थे तब उन्हें कई बर बेइज्जत किया गया। इतना ही नहीं पन्नीरसेल्वम पर इस्तीफे के लिये दबाव बनाया गया और उन्हें मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के लिये मजबूर किया गया। पन्नीरसेल्वम काफी नाराज़ चल रहे हैं और वे जयललिता की समाधी के पास ध्यान मग्न कर धरने पर बैठे हैं।

पन्नीरसेल्वम का कहना है कि वे जल्दी ही सबके सामने खुलासा करेंगे। उनका कहना है कि अगर कार्यकर्ताओं ने साथ दिया तो वे एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे और उन्होंने शशिकला के खिलाफ बगावत की खुली जंग छेड़ दी है। उनका कहना है कि जयललिता चाहती थीं कि वे मुख्यमंत्री बने।

गौरतलब है कि जयललिता के निधन के बाद पन्नीरसेल्वम को कार्यकारी मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था। वहीं शशिकला को पार्टी की कमान सौंपते हुए महासचिव का पद दिया गया था।

इसके बाद काफी विरोध भी हुआ लेकिन शशिकला महासचिव बनीं रहीं। अब वे एक एक कर अपने विरोधियों को रास्ते से साफ करती जा रही हैं जिससे साफ तौर पर कहा जा सकता है कि पार्टी के साथ साथ सरकार भी वे अपने हाथों में लेने वाली हैं।

सूत्रों की माने तो पन्नीरसेल्वम राज्यपाल से मिलकर जरूरी रणनीति पर भी चर्चा करने वाले हैं। उधर शशिकला भी इन हालात से निपटने की तैयारी में जुटी हैं। एक ओर पन्नीरसेल्वम दोबारा बहुमत साबित करने का दावा कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस डीएमके के अलावा अब शशिकला के सीएम बनने का विरोध जोर पकड़ने लगा है।

इस बीच ये लड़ाई दिल्ली तक पहुंच गई है। एआईएडीएमके के सांसद दिल्ली में इस मामले पर राष्ट्रपति से मुलाकात कर सकते हैं। एआईएडीएमके ने आरोप लगाया था कि पन्नीरसेल्वम की बगावत की आड़ में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।

क्योंकि कुछ सांसद पन्नीरसेल्वम के समर्थन में हैं और कुछ शशिकला के, अब ये विवाद सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुँच सकता है।