खबर लहरिया छतरपुर जब शौचालय निर्माण के लिए पैसा ही नही मिला तो छतरपुर जिले के महेबा में कैसे बनेंगे शौचालय?

जब शौचालय निर्माण के लिए पैसा ही नही मिला तो छतरपुर जिले के महेबा में कैसे बनेंगे शौचालय?

गांवों के स्वच्छता को लेकर सरकार ने जहां एक तरफ घर-घर शौचालय बनाकर भारत को शौच मुक्त करना चाहता है, वहां चार साल बीत जाने के बाद भी जिला छतरपुर,ब्लाक छतरपुर, गांव महेबा में स्वच्छ भारत मिशन का ताला भी नहीं खुला है। चार हजार की आबादी वाले इस गांव के लोग आज भी शौच के लिये बाहर जाते हैं।
उर्मिला का कहना है कि जब पैसा नहीं मिला है तो शौचालय कैसे बनवायें। सावित्री ने बताया कि अकेले शौच जाने में डर लगता है, दो लोग जाते हैं। विधि राजपूत ने बताया कि कभी रात में जाना पड़ा तो डर लगता है। फौज खां का कहना है कि शहर से हमारे रिश्तेदार आ जाते हैं तो शौच के लिये बाहर जाने में  अच्छा नहीं लगता है। हम चाहते है कि हमारी बहु बेटियों के लिये भी शौचालय हो।
सरपंच प्रतिनिधि रणवीर सिंह ने बताया कि शौचालय तो काफी बन चुके हैं। कुछ लोग अपात्र हैं, तो कुछ लोगों ने अपने से बनवा लिया है, और कहते हैं कि पैसा नहीं मिल रहा है। यहां नब्बे प्रतिशत शौचालय बन चुके हैं।
शौचालय प्रभारी नीलम तिवारी का कहना है कि कुछ लोगों का खाता बंद हो जाने के कारण उनके खाते में शौचालय का पैसा नहीं पहुंच रहा है।

रिपोर्टर- अलीमा तरन्नुम

Uploaded on Apr 11, 2018