खबर लहरिया चित्रकूट चुनाव- एक नज़र बुंदेलखंड पर

चुनाव- एक नज़र बुंदेलखंड पर

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दीवारों में लिखे चुनावी नारे और छपे चुनाव चिह्न

चुनाव आए, आई जनता की याद

जिला चित्रकूट, ब्लाक मानिकपुर, गांव गिदुरहा। यहां पर नेता वोट मांगने के लिए गांव गांव का दौरा कर रहे हैं। हाथ जोड़ रहे हैं, पैर छू रहे हैं। लेकिन जनता नाराज़ है। लोगों का कहना है कि नेता केवल चुनाव के समय ही आते हैं।
सपा से बांदा चित्रकूट से उम्मीदवार बाल कुमार पटेल गिरदुहा गांव में 15 मार्च 2014 को वोट मांगने गए। गांव के छेदीलाल और मुन्ना का कहना है कि चुनाव होते हैं तो सब नेता वोट मांगने आ जाते हैं। बड़े बड़े वादे करते हैं पर जब जीत जाते हैं तो झांकने तक नहीं आते। पिछले कई बार से जब भी कोई नेता यहां आता है हम रोडवेज बस चलवाने की मांग करते हैं। गांव के लोग जीप वालों की मनमानी से परेशान हैं। ज्य़ादा किराया लेते हैं। उस पर भी ठूस-ठूसकर भरते हैं। इस बार भी जब बाल सिंह पटेल वोट मांगने आए तो हमने उनसे अपनी समस्या रखी है। इस बार भी हमें भरोसा दिया गया है। लेकिन जीत जाएंगे तो देखना फिर भूल जाएंगे। उधर कर्वी से मौजूदा विधायक वीर सिंह पटेल का कहना है कि जब उनके चाचा बाल सिंह पटेल जीतेंगे तो सारी समस्याएं हल हो जाएंगी। पर यह नहीं बताया कि उनके विधायक रहते कुछ क्यों नहीं हुआ?
अब भी जारी प्रचार

जिला बांदा, ब्लाक तिंदवारी और नरैनी। आचार संहिता लागू हो गई है। लेकिन नेता और उनकी पार्टी के सदस्य खुले आम प्रचार में लगे हैं।
20 मार्च 2014 को भाजपा पार्टी के नेता तिन्दवारी ब्लाक के खजुरी गांव में कई लोगों के साथ पहुंचे। घर घर जाकर लोगों से हाथ जोड़ने लगे और कई लोगों के पैर तक छुए पार्टी के कई नेताओं ने कहा कि कमल में मोहर लगाना है। गांव की समस्या को दूर भगाना है। गांव के कमतू, कमलेष और चम्पा ने कहा कि खजुरी गांव जमुना नदी के किनारे बसा है। सितम्बर 2013 में गांव बाढ़ में डूब गया था फसल, घर,  जानवर सब बाढ़ में बह गया है। लेकिन गांव में मदद के लिए कोई नहीं आया।
वोट मांगने के लिए सांसद, विधायक जंगल, नदी पार करके गांव पहुंच जाते हैं। लेकिन चुनाव जीतने के बाद भूल जाते हैं। 23 मार्च 2014 को लोकसभा क्षेत्र महोबा हमीरपुर व तिन्दवारी से कांग्रेस के नेता जयवन्त सिंह ने चिल्ला कस्बा में जनसभा कर हजारों वादे किए। सरकार बनते ही बिजली पानी सड़क हर तरह का विकास करवाएंगे। अतर्रा नरैनी में सड़क किनारे आज भी कमल, हाथी और साइकिल के झंडे लहरा रहे है।