खबर लहरिया चित्रकूट चित्रकूट के टिकरा गांव में स्वास्थ्य केंद्र ठप्प, गर्भवती महिलाएं सबसे ज्यादा परेशान

चित्रकूट के टिकरा गांव में स्वास्थ्य केंद्र ठप्प, गर्भवती महिलाएं सबसे ज्यादा परेशान

जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, गांव टिकरा कहत हवै कि डाक्टर भगवान होत हवै काहे से वा मरीज के जान बचावत हवैं। पै भगवान आपन मंदिर मा न मिलै तौ मरीज कहां जइहैं। यहिनतान का हाल हवै टिकरा गांव मा।
अस्पताल होय के बाद भी हिंया के मड़इन का इलाज खातिर आठ किलोमीटर दूरी मऊ जाये का पड़त हवै। सबसे ज्यादा परेशानी तौ गर्भवती मेहरियन का होत हवैं। यहै कारन गांव के मड़ई प्रशासन से गुस्सा हवै कि अस्पताल होय के बाद भी गांव मा इलाज के कउनौ सुविधा नहीं आय।
सुशीला अउर रूपा देवी बताइन कि जबै मेहरियन के रात के डिलेवरी होत हवै। तौ बहुतै परेशानी होत हवै। काहे से गाड़ी वाला समय से नहीं आवत आय। दुइ–तीन घंटा ताके बइठ रहित हवै। आशा नहीं सुनत आय। मऊ के अस्पताल मा पैदल जइत हन। देरी होय के कारन मेहरिया के जान तक चली जात हवै। अबै तक दुइ घटना इनतान के होइ चुकी हवै।
सुमन का कहब हवै कि गांव के अस्पताल मा महिला डाक्टर नहीं बइठत हवै। यहै कारन हुंवा कत्तो डिलेवरी नहीं होत हवै। जउन नर्स हिंया हुंवा जात हवै उनका अस्पताल मा बइठे का चाहीं। जेहिके गर्भवती मेहरियन का सही समय मा इलाज होइ सकै।
मुख्य चिक्तित्सा अधिकारी डाक्टर राम जी पाण्डेय का कहब हवै कि स्टेट अउर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से नर्स के भर्ती होत हवै। हुंवा के अस्पताल मा स्टाप के कमी हवै। ऐनम के 166 पद मा 142 ऐनम काम करत हवै। जबै नर्स भर्ती होइहै तौ टिकरा के समस्या दूर कीन जई।

रिपोर्टर- सुनीता देवी

26/05/2017 को प्रकाशित