जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, कस्बा बरगढ़। अशोक चौराहा मा तीरथ के टिक्की अउर चाट का ठेला लागत हवै वइसे तौ हिंया खाए के लजीज व्यंजन मिलत हवै पै तुम्हें का पसंद हवै ।
दूकानदार तीरथ प्रसाद कहब हवै कि मैं बारह साल चाट का ठेला लगावत हौं। आपन दुकान मा कइयौतान का आइटम बनावत हौं जइसे बैंगनी, करेला, पापड़, सगौड़ा, दहीबड़ा,चाउमीन, कचालू अउर खस्ता। मोर बाप महतारी पहिले इं सब चीज बनावत रहैं जबै मैं कक्षा आठ मा पढ़त रहेंव तबै से सब बनावे सीख लीने हौं या काम मा पूंजी कम लागत हवै।पांच किलो आलू के लगभग सौ टिक्की बनत हवैं अउर सब बिक जात हवै पाठा क्षेत्र के हर गांव के मड़ई हिंया टिक्की खाए आवत हवै।
रिंकू जायसवाल बताइस कि हफ्ता मा तीन दरकी टिक्की खाए आवत हौ काहे से हिंया के टिक्की बहुतै नींक रहत हवै।दीपू बताइस कि हिंया हमार पसंद के सब चीज मिलत हवैं पै सबसे नींक आलू के टिक्की लागत हवै।
03/11/2017 को प्रकाशित
बाईलाइन-सुनीता देवी