खबर लहरिया ताजा खबरें खेती, देख रेख और बेचने तक – सिंघाड़े की कहानी हैदरगढ़ जिले के बाराबंकी में

खेती, देख रेख और बेचने तक – सिंघाड़े की कहानी हैदरगढ़ जिले के बाराबंकी में

जिला बाराबंकी, ब्लाक हैदरगढ़, गांव रामघाट कछवा यहि कै मनई अच्लीपुरवा गांव के किनारे तालाब मा सिंघाड़ा कै खेती कराथिन। ई इनकै खानदानी पेशा आय।सिंघाड़ा कै देखरेख करै के ताई तालाब के किनारे झोपडी बनाय के रहाथिन।
सुखराम कै कहब बाय की बहुत दिन से खेती करत हई। ई हमार खानदानी पेशा आय।जैसे गेहूं बोय जाथै वैसे सिंघाड़ा कै खेती भी कीन जाथै।सिंघाड़ा लगावै के बाद लगभग तीन चार हजार कै दवाई डाली जाथै।
सहजराम कै कहब बाय कि कछवा गांव कै रहै वाला होई। तीन किलो मीटर रोज आवै जाय का पराथै। गांव गांव जाय के बेचीथी बदले मा गेहूं चावल धान अउर पैसा मिला थै।दिन भर बेंचे के बाद शाम सात बजे के आसपास घरे आई थी। रिपोर्टर- नसरीन