खबर लहरिया बाँदा केहिके मानै सच, किसान या सचिव

केहिके मानै सच, किसान या सचिव

d2जिला बांदा, ब्लाक महुआ, गांव रिसौरा। एक कइत रिसौरा गांव के किसानन का आरोप है कि पनगरा सोसाइटी सचिव खाद नहीं देत आय। दूसर कइत पनगरा सोसाइटी सचिव प्रभुदयाल षुक्ला कहत है कि शासन का आदेश है कि खाता से खाद उठावैं वाले किसान  30 जून के पहिले पुरान पइसा जमा कई देय। तबै दुबारा खाद मिलत है।

महुवा ब्लाक, रिसौरा गांव के किसान षिवप्रसाद बताइन कि उनके खाता मा पचास हजार तक कर्जा मा खाद उठावैं के सीमा है, पै अगर पचास हजार मा पांच हजार भी सोसाइटी का कर्जा बाकी है तौ सोसाइटी सचिव खाद नहीं देत आय। राजबहादुर अउर रामसरन कहत हैं कि गरीब किसान अउर या साल खेती मा कुछ पैदावार भी नहीं भे आय। यहिसे खातन मा कुछ रूपिया बांकी है, पै अउर सोसाइटी से खाद न मिली तौ बहुतै परेषानी होई।
सोसाइटी सचिव प्रभुदयाल षुक्ला कहत हैं कि सरकारी नियम है। यहिमा हमार कउनौ गलती निहाय।

पनगरा सोसाइटी मा कुल 1750 मेम्बर हैं। जउन खाद का लेन-देन करत है उंई चार सौ अड़तालिस मेम्बर हैं। जून के महीना मा कुल तीन सौ सत्तरह किसान 38 लाख 68 हजार रूपिया जमा करिन हैं। उनका खाद मिल सकत है अउर एक सौ सरसठ किसान का 29 लाख 30 हजार रूपिया बांकी है। जेहिमा रिसौरा गांव के किसान भी शामिल हैं। यहिसे उनका खाद न मिली। यूरिया खाद का रेट 348 रूपिया बोरी है अउर डी.ए.पी. का 1191 रूपिया बोरी है।