जिला बिलासपुर, छत्तीसगढ़। राज्य के बिलासपुर जिले के तखतपुर ब्लाक के एक अस्पताल में 8 नवम्बर को अकेले एक डाक्टर ने तिरासी महिलाओं का नस्बंदी का आपरेशन किया। पर आपरेशन के दो दिन बाद ही इनमें से चैदह महिलाएं मर गईं और बीस औरतों की हालत गंभीर है। पूरे देश में इस खबर ने तहलका मचा दिया है।
पांच से छह घंटों में किए गए इन आपरेशन को ब्लाक के सरकारी डाक्टर आर.के. गुप्ता ने किया था। 13 नवम्बर को इन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। डाक्टर गुप्ता का मानना है कि ज़्यादा से ज़्यादा नसबंदियों को अंजाम देना उनकी ड्यूटी है।
अब तक की जांच के अनुसार डाक्टर गुप्ता ने हर आपरेशन पर लगभग दो मिनट बिताए होंगे। यह भी बताया जा रहा है कि औरतों की मौत का कारण गलत दवाओं का दिया जाना या जल्दबाज़ी में आपरेशन करने वाले यंत्रों का गंदा होना हो सकता है।
राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने घटना के लिए जिले प्रशासन को जि़म्मेदार ठहराया। बिलासपुर के सी.एम.ओ., डाक्टर गुप्ता, राज्य परिवार नियोजन अधिकारी और स्वास्थ्य सेवा निदेशक को निलंबित कर दिया गया है। सरकार ने मरने वाली औरतों के परिवारों के लिए चार लाख रुपए मुआवज़े की घोषणा की है।
कई नियमों का उल्लंघन
– सुप्रीम कोर्ट के 2005 और 2012 के दो फैसलों के अनुसार एक दिन में एक ही अस्पताल में तीस से ज़्यादा नसबंदी के आपरेशन नहीं किए जा सकते हैं। साथ ही एक ही डाक्टर एक दिन में दस से ज़्यादा आपरेशन नहीं कर सकते हैं। इस केस में एक ही डाक्टर ने पांच घंटों में तिरासी आपरेशन किए हैं।
– नसबंदी के आपरेशन सिर्फ सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में किए जा सकते हैं। छत्तीसगढ़ में ये आपरेशन कई समय से बंद पड़े प्राइवेट अस्पताल में किए गए।