खबर लहरिया चित्रकूट इनतान के समस्या अबै भी हवै

इनतान के समस्या अबै भी हवै

गंदा पानी लोढ़वारा गांव का

गंदा पानी लोढ़वारा गांव का

जिला चित्रकूट, ब्लाक पहाड़ी, गांव चकला। हिंया के यादव बस्ती मा तीस बरस पहिले पूर्व प्रधान चुन्नू तीन सौ मीटर सड़क मा पटिया डरवाइस रहै। जबै से आज तक कउनौ काम नहीं बनी आय।
जगिया, गौरनिय अउर रामनरेश का कहब हवै कि बरसात के महीना मा निकरब मुश्किल पर जात हवै। चार महीना गांठिन से पानी भर जात हवै। तीस बरस पहिले चुन्ना प्रधान बनवाइस रहै तौ अवधेश प्रधान उखडा़ के दूसर खड़ण्जा बनवावत रहै तौ वा भी नहीं बना। बीस बरस से या समस्या हवै। नवा प्रधान भी हमरे बस्ती मा कउनौ विकास नहीं करवावत आय।
प्रधान गीता देवी के मनसवा शिवचरन का कहब हवै कि गांव मा विकास करवावैं के सोचत हौं, पै गांव के कुछ मड़ई मोर जांच करवावत हवैं अउर काम रोकवा देत हवैं। यहै से गांव के बाहर पुलिया का काम लगाये हौं। जबै वा बन जई तौ खड़ण्जा बनवइहौं।
जिला चित्रकूट, ब्लाक रामनगर, गांव भखरवार। हिंया नाली न बनै से मड़इन के दुवारे मा भरा रहत हवै। या कारन प्रधान से कहा गा हवै, पै कउनौ सुनवाई नहीं होत आय।
हिंया के गोमती, मदन अउर गोपाल लगभग दस मड़इन का कहब हवै कि हमरे घरन के सउहें दस मीटर नाली नहीं बनी आय तौ हमार दुआरे हैण्डपम्प का पानी भरा रहत हवै। या से बहुतै बदबू आवत हवै। दुवारे मा नहीं बइठा होत आय। छोट-छोट बच्चा स्कूल जात हवै तौ उनके कपड़ा मा छींटा परत हवैं। उनका कपड़ा भी खराब होइ जात हवै। रात बिरात तौ आवै जाये मा वहै कादौं अउर पानी से घुस के जाये का परत हवै। अगर प्रधान हमार दुवारे के दस मीटर नाली बनवा दें तौ नींक होय, पै प्रधान एक भी नहीं सोचत आय। प्रधान कलावती के मनसवा श्री केशन का कहब हवै कि नाली बनावै खातिर गांव का मड़ई मना करत हवै तौ मैं का करौं
जिला चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, गांव लोढ़वारा। हिंया आधा किलो मीटर नाली न बनै से घरन का गन्दा पानी पूर रास्ता मा फइलत हवै। चार महीना से बहुतै परेशानी आवत हवै।
या समस्या का लइके प्रधान मेघा त्रिपाठी से बात भे वहिकर कहब हवै कि पूर्व प्रधान हरिमोहन आर.सी.सी. सड़क बनवावत रहै। वा नाली नहीं बनवाइस आय। नाली बनै का प्रस्ताव बना के दीन गा हवै। जबै पास होइ तौ बनी।
मोहनिया. रज्जू का कहब हवै कि वार्ड नम्बर ग्यारह मा रास्ता कादौं से बजबजात रहत हवै। चार महीना से घरन का पानी पूर रास्ता मा बहत हवै। नहाये धोये का पानी बहत हवै। यहै से आवै जाये मा कपड़न मा छींटा परत हवैं। नाली बन जात तौ पानी निकरैं के सुविधा होइ जात। नहीं तौ मड़इन अउर जानवरन का निकरैं मा बहुतै समस्या झेलै का परत हवै। पता नहीं कबै तक मड़इन का या समस्या से जूझै का परी। प्रधान तौ गांव का विकास करवावैं खातिर होत हवै, पै ज्यादातर गांवन के हालत यहिनतान से हवै।