युवाओं के राजनीति की डोर किस ओर? देखिये राजनीति, रस, राय में
नमस्कार दोस्तों, मैं हूँ मीरा देवी, खबर लहरिया की ब्यूरो चीफ। मेरे शो राजनीति रस राय में आपका बहुत बहुत स्वागत है। मैं फिर हाज़िर हूं आप सबके बीच राजनीतिक हलचल लेकर। क्या चल रहा है राजनीति को लेकर, आप नहीं शेयर करेंगे मेरे साथ? वैसे एक बात बताऊं अगर मेरे मन की जानना चाहते हैं तो पंचायत चुनाव के बाद से राजनीति में कुछ नया जोश देखने को मिल रहा है। चाहे वह अपनी खुद की राजनीति चमकाने को लेकर हो या पार्टी का प्रचार प्रसार। ये सब कुछ और नहीं, आने वाले विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी है।
मेरे को अपने फेसबुक अकाउंट फ्रेंड लिस्ट पर ऐसे कई राजनीति व्यक्ति हैं जो इस समय उभरते नेता के रूप में अपने को स्थापित करना चाहते हैं। अपने को जनता की समस्याओं के साथ जोड़कर उनके बीच अपने को खड़ा करके लोगों का भरोसा जीत लेते हैं। कई ऐसे मौकों को वह ताक में रखते हैं जहां पर उनको अपनी राजनीति चमकाने का मौका मिल सके। हाल में ही निकले हुए पंचायत चुनावों में वह खुलकर अपनी राजनीति दिखा पाए।
सबसे पहले बात करते हैं बसपा समर्थक राजू राही की। आजकल मैं देख रही हूँ कि हर दिन उनका पोस्ट फेसबुक में आता है। कुछ न कुछ अपनी पार्टी के लिए करते रहते हैं। यही नहीं उनके और भी पोस्ट मैंने ऐसे भी देखे हैं जो किसी पार्टी विशेष नहीं व्यक्ति विशेष की छवि को लेकर भी बात करते हैं। आप इनको उभरता हुआ नेता के रूप में देख सकते हैं। अगर संविधान के अंदर दिए गए हक अधिकार और समाज को एक साथ लेकर चलने की बात को बढ़ावा ऐसे यूथ से मिले तो यह कहना गलत नहीं होगया कि यूथ देश का भविष्य जरूर होता है। मान्यवर कांशीराम साहब, बाबा साहब और बहन कुमारी मायावती के आदर्शों को साथ लेकर चलना चाहते हैं। लेकिन इसको अपनी राजनीति चमकाने न कहें तो और क्या कहा जाए।
ये हैं समाजवादी पार्टी समर्थक अनिल प्रधान। इन्होंने राजनीति को अपना हथियार बनाया लोगों को न्याय दिलाने में। उनके सुख, दुख में भागीदार बनते हैं। सरकारी दफ्तरों में न्याय की उम्मीद में आये लोगों के साथ खड़े रहते हैं। इसी तरह से भाजपा समर्थक देवेश कुमार मोनू भी। उनको भी यह सब कार्य करते देखा गया। अक्सर सोशल मीडिया में ऐसी पोस्टें रोज रोज देखने को मिल जाती हैं। कांग्रेस पार्टी के कई लोगों को भी इस तरह से काम करते देखा गया।
कहने का मतलब कि अब यूथ राजनीति में आगे आ रहा है। खुलकर अपना और अपनी समर्थक पार्टी का प्रचार कर रहा है। अपनी बात कहने का अलग ही अंदाज है उनमें। भले ही राजनीति खेलने की समझ में पक्के न हों लेकिन जो उनके काम की शैली है, लोगों के बीच व्यवहार है वह बहुत ही अच्छा है। ऐसे यूथ से मेरा सवाल करना तो बनता ही है। मैं ऐसे यूथ से जानना चाहती कि कब तक लोगों की आंखों के तारा बने रहेंगे और कब उनसे फूटी आंखों नहीं देखे होंगे? आपको राजनीति में आना इतना जरूरी क्यों लगता है और कब तक?
साथियों इन्हीं विचारों के साथ मैं लेती हूं विदा, अगली बार फिर आउंगी एक नए मुद्दे के साथ। अगर ये चर्चा पसन्द आई हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। लाइक और कमेंट करें। अगर आप हमारे चैनल पर नए हैं तो चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें। बेल आइकॉन दबाना बिल्कुल न भूलें ताकि सबसे पहले हर वीडियो का नोटिफिकेशन आप तक सबसे पहले पहुंचे। अभी के लिए बस इतना ही, सबको नमस्कार!
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