खबर लहरिया Blog मजदूरों की मजबूरी पर योगी – प्रियंका की हो रही तूतू – मैंमैं

मजदूरों की मजबूरी पर योगी – प्रियंका की हो रही तूतू – मैंमैं

मजदूरों की मजबूरी पर योगी – प्रियंका की हो रही तूतू – मैंमैं :लॉकडाउन में फंसे उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए पिछले चार दिनों से योगी सरकार और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी योगी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए है. प्रियंका गांधी द्वारा मजदूरों के लिए एक हजार बस चलाने की पेशकश पर पिछले 24 घंटे में चार चिट्ठी एक दूसरे की ओर से जारी हो चुके हैं और मजदूरों पर योगी बनाम प्रियंका चल रहा है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 16 मई को ट्वीट कर कहा था कि हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई-बहन बिना खाए भूखे प्यासे पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं. यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं. वो धूप में पैदल चल रहे हैं. उन्हें प्रदेश के अंदर आने नहीं दिया जा रहा. उनके पास पिछले 50 दिनों से कोई काम नहीं है और जीविका ठप पड़ी है. हम जो भी योजनाएं बना रहे हैं, उनमें उनके लिए कुछ सोचा ही नहीं जा रहा. मजदूरों को घर भिजवाने के लिए कोरी घोषणाएं और ओछी राजनीति से काम नहीं चलेगा. प्रियंका गांधी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील में कहा था, “मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि यह समय राजनीति करने का नहीं है. हमारी बसें सीमा पर खड़ीं है. हमारी बसों को फंसे मजदूरों को लाने की मंजूरी दी जाए.”

हालांकि प्रियंका गांधी की बसों की पेशकश 18 मई को स्वीकर तो कर लिया गया लेकिन पहले योगी सरकार ने बसों की सूची मांगी, इसके बाद अब 19 मई दस बजे तक बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट और ड्राइवरों के लाइसेस सहित सभी दस्तावेज लखनऊ डीएम ऑफिस में जमा करने को कहा गया है. जिस पर देर रात प्रियंका गांधी की ओर से जवाब दिया गया प्रियंका के सचिव ने इसे राजनीतिक से प्रेरित बताया.
कांग्रेस के पास हज़ार बस के दावे के बाद ट्वीटर पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस से चार सवाल पूछे थे. इसके बाद से कांग्रेस और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया.

1 जब आपके पास 1000 बसें थीं, तो राजस्थान और महाराष्ट्र से ट्रकों में भरकर हमारे साथियों को उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व बंगाल क्यों भेज रहे हैं?

2 औरैया में हुई दर्दनाक सड़क दुर्घटना से पूरा देश आहत है. एक ट्रक पंजाब से और दूसरा राजस्थान से आ रहा था. क्या कांग्रेस और प्रियंका गांधी जी इस दुर्घटना की जिम्मेदारी लेंगी ? हमारे साथियों से माफी मांगेंगी?

3 देशभर में जितनी भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल रही है उनमें से आधी से ज्यादा ट्रेनें उत्तर प्रदेश ही आईं है. अगर प्रियंका वाड्रा जी को हमारी इतनी ही चिंता है तो वो हमारे बाकी साथियों को भी ट्रेनों से ही सुरक्षित भेजने का इंतजाम कांग्रेस शासित राज्यों से क्यों नहीं करा रहीं?

4 प्रियंका गांधी जी कहती हैं कि उनके पास 1000 बसें हैं. यह और बात है कि अब तक इन बसों की सूची तक उपलब्ध नहीं कराई गई, न ही हमारे साथियों की. बसों और हमारे साथियों की सूची उपलब्ध करा दी जाए, जिससे उनके कार्य ट्विटर नहीं धरातल पर दिखें.
‘’उत्तर प्रदेश कांग्रस के ट्वीटर हैंडल से कहा गया, ‘योगी जी अभी तक झूठ से काम चला रहे थे. कह रहे थे कि हमने तीन दिन से सूची मांगी है बसों की। खैर हम तो बस लेकर खड़े थे। यूपी की जनता का धन्यवाद कि आपने दबाव बनाकर इस सेवा कार्य में अड़चन डालने वाले सीएम को सही फैसला लेने पर मजबूर किया। श्रमिक भाई – बहनों को राहत मिलनी जरूरी थी।‘’’

 

वहीँ दूसरे पत्र 18 मई को लिखा। लेकिन ट्वीट में पहले लिख दिया कि बसों की सूची नहीं दी। ये कोई तो है मुख्यमंत्री कार्यालय में जो मुख्यमंत्री जी की फजीहत करा रहा है। या तो वो ये दिखाना चाहता है कि सीएम कार्यालय केवल ट्विटर पर एक्टिव है। जमीन से उसका कोई जुड़ाव नहीं है।

 

 

वहीं उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर प्रवासी कामगारों के मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह ओछी सियासत कर रही हैं. 17 मई को सिद्धार्थ नाथ सिंह ने एक बयान में कहा “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस पार्टी प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है. प्रियंका उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसें भेजने की बात कर रही हैं. इससे जाहिर होता है कि उन्हें वस्तुस्थिति की जानकारी ही नहीं है और वह केवल ओछी राजनीति कर रही हैं.