बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनाने की योजना और रोड चौड़ीकरण के चलते बांदा चित्रकूट धाम मंडल के आसपास सड़क के किनारे लगे हज़ारों पेड़ों को काटने का काम तेज़ी से चल रहा है। इसमें कितने ऑक्सीजन देने वाले पेड़ काटे गए हैं और कितने अन्य पेड़ काटे गये है, इसके साथ ही किस तरह का नुकसान हुआ है? जब हम इस पर कवरेज करने के लिए गए और लोगों से मिले तो लोगों का कहना था की इतने ज्यादा पेड़ों की कटाई होने के कारण ऑक्सीजन की बहुत ज्यादा कमी हो गई है। जिसका उदाहरण इस कोरोना माहमारी के समय देखा गया है।
लोगों का कहना है कि रोड चौड़ीकरण और एक्सप्रेसवे के लिए बहुत सारे ऑक्सीजन वाले पेड़ काटे गए हैं जैसे आम, आंवला, पीपल, बरगद, नीम जो ऑक्सीजन के लिए बहुत ही जरूरी पेड़ होते हैं और इन पेड़ों के जरिए लोगों को स्वच्छ ऑक्सीजन मिलता है। लोगों ने यह भी बताया कि इस समय जो स्थिति हो रही है ऑक्सीजन की कमी को लेकर वह स्थिति कहीं न कहीं पेड़ों की कटाई के कारण हुई है। क्योंकि जब से पेड़ों का कटान जोरों पर हुआ और एक्सप्रेसवे का काम शुरू हुआ तब से उनको भरपूर ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा और यही कारण है कि लोग बीमारी का शिकार भी हो रहे हैं। सरकार ने जितने पेड़ काटे हैं उसके बदले पेड़ लगवाने की बात तो कही है लेकिन जो इतने पुराने पेड़ काटे गए हैं उनको तैयार करना बहुत ही मुश्किल है।
महोबा जिले की एक महिला ने बताया कि जब वह शादी करके आयीं थी तब उनके दरवाजे पर रोड के दूसरी तरफ भारी-भारी पेड़ लगे हुए थे। जो उनके पूर्वजों ने लगवाए थे और उनको सिंचाई, गुड़ाई करके तैयार किया गया था और गर्मियों में वह लोग उन पेड़ों के नीचे बैठते थे और शुद्ध हवा मिलती थी। लेकिन रोड चौड़ीकरण के चलते वह सारे पेड़ काट दिए गए , पेड़ों के कटने से रोड बनाने के लिए विभाग को तो फायदा हो गया लेकिन जो आस-पास के लोग हैं जिनको छाया और हवा मिलती थी वह परेशान हैं।
जब हमने बांदा और चित्रकूट से सांसद आरके पटेल से इस बारे में जानकारी लेनी चाही तो उनका कहना है कि शहरों के विकास के लिए एक्सप्रेस वे का बनना ज़रूरी है। जिसके लिए पेड़ों को भी काटने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि एक्सप्रेस वे का काम पूरा होते ही सड़क के किनारे नए पौधे लगवा दिए जाएंगे।
इस मामले पर चित्रकूट के वन विभाग अधिकारी कैलाश प्रकाश का कहना है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण पेड़ जो ऑक्सीजन प्रदान करते थे उन्हें काटा गया है लेकिन जल्द ही नए पेड़ लगवाए जाएंगे और पर्यावरण को बचाया जाएगा।
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