खबर लहरिया चित्रकूट पर्यावरण दिवस पर बाँदा, चित्रकूट से ख़ास

पर्यावरण दिवस पर बाँदा, चित्रकूट से ख़ास

5 जून को विंश्व पर्यावरण दिवस है। जब बुंदेलखंड पानी की बूद के तरस रहा होता है तब भी जखनी गांव में पानी की कोई कमी नहीं होती। इसी के चलते जब 2016 में दिल्ली से बुंदेलखंड तक ट्रेन से पानी भेजा गया था उस समय जखनी गांव में पानी का जलस्तर देखते हुए तब dm रहे योगेश कुमार और चित्रकूट धाम मंडल के मण्डलायुक्त ऐल वेंकटेश्वर लू ने इस गांव को जलग्राम घोषित किया। यहां के लोगों ने पानी के जलस्तर को बनाए रखने की मुहीम छेड़ी। स्वराज आदर्श जलग्राम समिति नाम से संगठन बनाकर पानी बचाने के कई उपाय किए जिसमें सर्वप्रथम सभी किसानों को अपने खेतों में मेड़बन्दी करके वृक्षारोपण करने को कहा। इस्तेमाल के बाद निकलने वाले गन्दे पानी से सब्जियों की खेती करने पर जोर दिया। बारिश का पानी बर्बाद नहीं होने देते उसको भी रोक लेते यही कारण है कि यहां के किसान अच्छी पैदावार कर पा रहे हैं। पेड़ों की बेलगाम कटाई पृथ्वी पर विभिन्न जानवरों और पक्षियों के अस्तित्व को संकट में डाल रही है जिससे बचने के लिए चित्रकूट जिले के भैयाराम जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं जो अब चालीस हजार पेड़ो के पिता माने जाते हैं कैसे?