कहीं बाज़ार या शॉपिंग के लिए जाओ और अगर दिख गया पानी पूरी का ठेला तो मूंह में पानी तो ज़रूर आ जाएगा। खुद को खाने से रोक ही नहीं पाते फिर चाहें गोल गप्पे के ठेले पर बच्चों की नज़र गई हो या लड़कियों, लड़कों की। बहुत कम ही लोग होंगे जो गोलगप्पे को पसंद नहीं करते होंगे। एक बार ठेले तक पहुँच गए तो टेस्ट तो जरूर करेंगे।
इस गोलगप्पे को कई जगहों पर पानी-पुरी भी कहते हैं। कहीं कहीं फुल्की भी कहते हैं। अलग अलग नाम से जाने जाने वाले इस स्वादिष्ट व्यंजन को हर जगह पसंद किया जाता है।
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लेकिन इसको खाने के लिए बदनाम सिर्फ महिलाएं होती हैं, मानों सारे गोलगप्पे महिलाएं और लड़कियां ही चट कर जाती हैं। हम अकसर सुनते हैं कि महिलाओं को चटोरी कहा जाता है लेकिन क्यों? लड़कियों से ज़्यादा तो बाहर का खाना लड़के खाते हैं। तो फिर ये बदनामी का ताज उनके सिर पर क्यों नहीं सजाया जाता?
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बोलेंगे बुलवाएंगे हँस के सब कह जाएंगे के इस एपिसोड में हम इस बार कुछ ऐसा ही मुद्दा लेकर आए हैं। गोलगप्पे खाने के लिए ट्रोल सिर्फ महिलाओं को किया जाता है जबकि जब हम गोलगप्पे के ठेलों पर पहुंचे तो वहां महिलाओं से ज़्यादा पुरुषों की भीड़ थी। गोलगप्पे बेच रहे लोगों ने भी बताया कि दिनभर यहाँ लड़कों की लाइन लगी रहती है, जबकि लड़कियां तो बहुत कम ही आती हैं।
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