दोस्तो हमारा समाज चाहे कितना भी जागरुक हो कर आगे बढ़ जाऐ| पर इंसानियत कि अहमियत और भाई चारा पूरी तरह भुल गया है अगर हावी है, तो सिर्फ खुन खराबा और बदले की भावना,गलती किसी की भी हो| ऐसा ही केस लेकर आई हूँ आपके साथ| तो इस पूरे विडियो को देखने के लिए बने रहिये मेरे साथ जासूस या जनर्लिस्ट पर|
दोस्तो मामला बांदा शहर के गायत्री नगर मोहल्ले का है| जहां पर परिवार के मामुली विवादों ने इतना बडा़ रुप ले लिया कि इसके चलते 20 नवंबर 2020 को एक ही परिवार के तीन लोगों की लाठी डंडा और कुल्हाड़ी से मारकर हत्या कर दी गई| जिनकी मौत हुई उनमें मां बहन और बेटा शामिल है, मृतक बेटा अभिजीत प्रयागराज में कांस्टेबल के पद पर तैनात था | सूचना मिलते ही बांदा एसपी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और इस घटना को सुनते ही मोहल्ले में दहशत का माहौल हो गया| घटना के बाद पुलिस ने बहुत ही कड़ाई से छानबीन की और आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया| लेकिन क्या किसी को पता है कि ये ट्रिपर मॉडल केश कैसे हुए| अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे जिसको सुनकर शायद आप भी हैरान हो जायेंगे|
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दोस्तो जब हमने इस केश का कबरेज किया तो मृतक के भाई सौर्भ और वार्ड सदस्य ने बताया की पूरान जमीनी विवाद था जो खत्म हो गया था| पर आये दिन दरवाजे में जूठन फेंकने और नाली का पानी जाने को लेकर झगडे होते रहते थे| 20 नवंबर को भी कुछ ऐसा ही हुआ कि दरवाजे में जो ठंड फेंकने को लेकर उनके और चचेरे भाइयों के बीच काफी झगड़ा हुआ| इसकी शिकायत लेकर मृतक कांस्टेबल अभिजीत कालू कुआं चौकी पहुंचा लेकिन वहां की पुलिस ने उसकी शिकायत सुने बिना ही पुलिस ने उस को डांट कर भगा दिया| उसी रात मोहल्ले में एक बर्थडे कार्यक्रम था जहां से वह लोग निमंत्रण करके आए हुए थे और काफी जोर से डीजे भी बज रहा था| तभी घात लगाए बैठे चचेरे भाई देवराज और उस केस में सरगना मास्टरमाइंड रहे देवराज के साले सोमचन्द्र सहित कई लोगों ने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया|
जब हमने इस केस को कवरेज किया और परिवार से जाना तो मृतक अभिजीत के भाई सौर्भ और उस वार्ड के वार्ड सदस्य ने बताया की इसमें पुलिस की गलती है, जिसके चलते इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया है| अगर उसी समय जब शिकायत करने अभिजीत चौकी गया था| पुलिस चेत जाती और मामले को गंभिरता से लेती तो शायद आज यह ट्रिपल मर्डर केस की घटना सामने निकल कर नहीं आती|
तो क्या आप भी सुनना चाहेंगे, उस ट्रिपर मर्डर केस के पीछे का कारण तो सुनिए
मृतक अभिजीत के भाई सौर्भ बताते हैं की हमारे पिता एक छोटे किसान थे| उनके मरने के बाद घर की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा खराब थी जब भाई अब जीत की पुलिस में नौकरी लगी तो उसने घर की स्थिति को संवारने की कोशिश की लेकिन चचेरे भाइयों से काफी दिनों से छोटे छोटे झगडे़ को लेकर विवाद चल रहा था, लगभग एक साल पहले भी चचेरे भाइयों ने उसकी मां और बहन के साथ मारपीट की थी| तब भी शिकायत दर्ज की गई थी पर उनके खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई और उनके हौसले बुलंद होते गए| जिसके चलते आज उनके परिवार के तीनों लोगों को मार दिया गया है|
इस मामले में नगर कोतवाली पुलिस ने 15 लोगों के नामजद और 2 लोगों के अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया था और 10 आरोपियों को पुलिस ने 2 दिन के अंदर गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था| लेकिन वारदात में मास्टरमाइंड कोतवाली के हिस्ट्रीशीटर सोमचंद्र समेत पांच नामजद व दो अज्ञात आरोपित फरार थे| जिसके लिए एसओजी समेत पांच टीमें आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश दे रही थी एसओजी टीम प्रभारी निरीक्षक आनंद सिंह को 2 दिसंवर दिन बुधवार की रात कबीर मुखबिर से सूचना मिली कि सॉन्ग चंद्र खेरादा रेलवे क्रॉसिंग के पास पान की गुमटी पर है अशोक जी निरीक्षक ने टीम के साथ सोमचंद को गिरफ्तार कर लिया है|
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कोतवाली प्रभारी राजीव यादव ने बताया कि हत्यारोपी की निशान दे पर वारदात में प्रयोग की गई कुल्हाड़ी उसके घर से बरामद की गई है| पकड़े गए आरोपित को पुलिस ने 4 दिसंबर दिन गुरुवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार की अदालत में पेश किया जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है, अब आगे की कार्यवाही अदालत करेगी|