8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव संपन्न हुए है. दिल्ली चुनाव आयोग के प्रमुख रनबीर सिंह के अनुसार शनिवार को हुई कुल वोटिंग प्रतिशत 62.59 प्रतिशत रहा। वही महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी है. वोटिंग में 62.62 प्रतिशत महिलाओं का था जबकि 62.55 प्रतिशत पुरुषों ने वोट डाला। आपको बता दें की दिल्ली में कुल 1.47 करोड़ मतदाता है। इन कुल मतदाता में से पुरुषों की संख्या 81.05 लाख है, वहीं महिला वोटरों की संख्या 66.80 लाख है। इनमें पहली बार वोट डालने वालों की संख्या 2.32 लाख है। इन चुनावों के नतीजे 11 फरवरी को आने हैंयूपी उप चुनाव में मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतरी महिला उम्मीदवार रंजना
Had flown to Delhi just to:
1. cast my vote ☑️
2. join local protests ☑️#DelhiElections2020 pic.twitter.com/CLafpKnSX7— p. (@pepper_smoker) February 8, 2020
अब नज़र डालते हैं एग्जिट पोल पर
इंडिया टुडे और एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, दिल्ली में आम आदमी पार्टी को 59 से 68 सीटों और बीजेपी को 2 से 11 सीटों पर जीत मिलने की उम्मीद है. एग्जिट पोल के मुताबिक आम आदमी पार्टी को 56 फीसदी, बीजेपी को 35 फीसदी और कांग्रेस को 5 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. तो वहीँ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सारे एग्जिट पोल को गलत बताया है.उन्होंने ट्वीट किया, ’11 फरवरी को मतदान के नतीजे आने के बाद सभी एग्जिट पोल गलत साबित होंगे. बीजेपी अकेले दिल्ली में 48 सीटें लाने जा रही है. ईवीएम को दोष देने का अभी से बहाना न ढूंढें.’
विधानसभा चुनावी रणनीति
भाजपा की अगर हम बात करें तो उसने अपनी पूरी ताकत इस विधानसभा चुनाव प्रचार में झोंक दिया। भाजपा के सभी शीर्ष नेता जैसे अमित साह, योगी आदित्यनाथ समेत पार्टी के मुख्य 100 नेताओं ने चुनाव प्रचार में भाग लिया। भाजपा का चुनावी अभियान शुरू में केंद्रीय कानून के माध्यम से शुरू हुआ साथ ही दिल्ली में रोड साइड झुग्गियों में रहनेवाले चालीस लाख लोगों को उस जगह को उनके नाम के कागज़ देने का वादा किया. पार्टी ने सत्ता में आने पर केंद्र, राज्य और स्थानीय स्तर पर भाजपा के साथ “ट्रिपल-इंजन गवर्नेंस” का वादा किया। लेकिन बीजेपी का अभियान जल्दी ही सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर, विशेष रूप से दिल्ली के शाहीन बाग की ओर मु़ड़ गया। देश में जितनी भी अराजकता फैली है उसको आम आदमी पार्टी का समर्थन मिलने की बात पर भी जोर दिया गया.वहीँ आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के सरकारी विज्ञापनों के द्वारा किया। सार्वजनिक संपर्क कार्यक्रमों, केजरीवाल द्वारा टाउनहॉल बैठके, छोटी-छोटी बैठके, दर्जनों रैलियां और रोड शो, और अपने शासन रिकॉर्ड को पेश करने के लिए एक मजबूत सोशल मीडिया अभियान चलाए। स्कूलों, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों, कम दाम पर बिजली और पानी की आपूर्ति और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा को लागू किया। साथ ही सत्ता में निर्वाचित होने पर अपने अगले कार्यकाल में प्रदूषण, स्वच्छ पानी की व्यवस्था और स्वच्छता पर ध्यान देने का भी वादा किया। अगर हम ये कहें कि ये पूरा चुनाव मोदी बनाम केजरीवाल बन गया था तो गलत नहीं होगा। खैर नतीजे 11 फरवरी को सबके सामने होगा।