खबर लहरिया Blog ललितपुर: नहीं बना राशन कार्ड, कब समझेगी सरकार गरीबों का दर्द?

ललितपुर: नहीं बना राशन कार्ड, कब समझेगी सरकार गरीबों का दर्द?

when will the government understand the pain of the poor?

ललितपुर ज़िले में ब्लाक जखौरा के गाँव मिर्चवारा में करीब 10 लोगों के राशन कार्ड नहीं बने हैं जिसके कारण उन्हें अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गाँव की एक महिला अनीता का कहना है कि राशन कार्ड होने के कारण उन्हें कभी राशन नहीं मिल पाया। इसके साथ ही इस गाँव के कुछ लोगों के वोटर कार्ड भी नहीं बने हैं जिसके कारण वे वोट दे पाते हैं, और सरकार की दी हुई सुविधाओं का फायदा उठा पाते हैं। अनीता ने हमें बताया कि इस गाँव में तकरीबन 10 परिवार हैं जिनके राशन कार्ड नहीं बने हैं।  

महंगाई के चलते, राशन खरीदना हो जाता है मुश्किल-

गाँव मिर्चवारा की निवासी रामदेवी का कहना है कि उनके परिवार में उन्हें, उनके पति और दो बच्चों को मिलाकर 4 लोग हैं और उनके लिए बच्चों का पेट पालना मुश्किल होता है। अगर राशन कार्ड होता तो थोड़ी बहुत सहायता हो जाती लेकिन मुफ्त राशन मिलने के कारण उन्हें बहुत परेशानी उठानी पड़ती है। रामदेवी ने बताया कि उनके बच्चे चावल खाने की ज़िद करते हैं परन्तु बाज़ार में चावल 20 रूपए प्रति किलो के भाव में मिलता है, उनके पास इतने पैसे नहीं होते कि वो इतना महंगा राशन खरीद सकें।

इसी गाँव के प्रदीप का कहना है कि वो लोग मज़दूरी करके गुज़ारा करते हैं, और इतना पैसा नहीं जुटा पाते कि राशन खरीद सकें। अगर राशन कार्ड होता तो कम से कम परिवार का पेट भर सकते। मनीष ने हमें बताया कि इतनी महंगाई होने के कारण वो दाल चावल जैसी ज़रूरी चीज़ें भी बाज़ार से खरीदने में असमर्थ हैं। सरकार अगर राशन दे रही है तो कम से कम इस बात का तो ध्यान रखे कि गरीबों को कुछ मिल रहा है या नहीं।

लोग कई बार कर चुके हैं ऑनलाइन आवेदन-

राधा का कहना है कि कई साल पहले उनके परिवार का राशन कार्ड बना था और साल भर उन्हें राशन मिला भी था। लेकिन 2 साल पहले उन्हें बताया गया कि अब उस कार्ड का नवीकरण कराना पड़ेगा।  राधा और उनके परिवार ने कई बार दौड़भाग करके राशन कार्ड का नवीकरण करवाने की कोशिश की लेकिन अब तक नया राशन कार्ड नहीं मिला है। कार्ड दोबारा बनवाने के लिए उन्होंने 4 बार ऑनलाइन फॉर्म भी जमा करा लेकिन उसपर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी सब के चलते बीते 2 साल से उन्हें राशन नहीं मिल पा रहा है। इसी गाँव के निवासी मनीष ने भी कई बार ऑनलाइन राशन कार्ड बनवाने की कोशिश की है, लेकिन अबतक उनका कार्ड नहीं बना है। 

सर्वे में बिना राशन कार्ड के 20 परिवार पाए गए-

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गाँव के कोटेदार बबलू का कहना है कि इस गाँव की आबादी 1600 के करीब है और उनके गाँव में 182 राशन कार्ड पात्र गृहस्थी के हैं और 136 राशन कार्ड अंतोदय के हैं। बबलू की मानें तो इन सभी लोगों को राशन मिल रहा है। करीब 2 महीने पहले इस गाँव में सर्वे भी हुआ था, जिसमें करीब 20 लोग ऐसे पाए गए थे जिनके राशन कार्ड नहीं बने हैं। बबलू का कहना है कि उन्होंने लिस्ट बनाकर अधिकारियों को भेज दी है और जल्द ही सभी के राशन कार्ड बन जाएंगे और सबको राशन मिलना शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि वो भी यही चाहते हैं कि जल्द से जल्द लोगों के राशन कार्ड बन जाएं ताकि जो गरीब हैं उन्हें कुछ मदद मिल सके।  

जिला ललितपुर के जिला पूर्ति अधिकारी राजीव कुमार का कहना है कि उनके पास जो भी शिकायतें आती हैं उनपर तुरंत कार्यवाही की जाती है और इस मामले से जुड़ी उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है जहाँ तक राशन कार्ड बनने की बात है तो वो तो अब ऑनलाइन बनता है, लोगों को खुद ही जाकर फॉर्म भरना पड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन लोगों के ऑनलाइन आवेदन करने के बावजूद राशन कार्ड नहीं बने हैं, उसकी वो जांच करवाएंगे और कोशिश करेंगे कि जल्द से जल्द सभी का राशन कार्ड जारी हो जाए। 

बताते चलें कि ललितपुर के कई गाँव ऐसे हैं जहाँ राशनकार्ड बनने की समस्या देखी गई है।  अगर सरकार गरीबों की मदद करने लिए कोई सुविधा उपलब्ध कराती है, तो ये सरकार और अधिकारियों की ही ज़िम्मेदारी है कि गरीब और बेसहारा लोगों को वो सुविधा मिले। कोटा मालिक और अधिकारी तो यह कहकर पत्ता झाड़ लेते हैं कि ऑनलाइन फॉर्म भर दीजिए हो जाएगा, लेकिन बेचारे लोग आवेदन करने के लिए हज़ारों रूपए खर्च कर चुके हैं, पर फिर भी उन्हें कोई उम्मीद की किरण नहीं दिख रही।

लोगों को पहले उम्मीद थी की शायद उन्हें मुफ्त राशन मिल जाएगा तो उनका खानेपीने का खर्चा थोड़ा बच जाएगा, लेकिन महीनों से राशन कार्ड को लेकर परेशान लोगों ने अब राशन कार्ड बनने की उम्मीद मानो छोड़ ही दी है। सरकार को ज़रुरत है एक ऐसे ठोस प्रबंध कि जिससे वो गरीबों की समस्याओं को सुन सके और उनपर काम कर सके। क्यूंकि अगर इसी प्रकार सब कुछ चलता रहा तो देश कभी तरक्की नहीं कर पाएगा और सरकार की विकास करने की सारी योजनाएं ध्वस्त हो जाएंगी।

इस खबर को खबर लहरिया के लिए फ़ाएज़ा हाशमी द्वारा लिखा गया है।