खबर लहरिया जासूस या जर्नलिस्ट समाजसेवी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के पीछे क्या है सच्चाई? जासूस या जर्नलिस्ट

समाजसेवी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के पीछे क्या है सच्चाई? जासूस या जर्नलिस्ट

दोस्तों आप सब जानते हैं कि बुंदेलखंड लाल सोने के नाम से फेमस है। यहां खनन को लेकर किसान और सामाजिक कार्यकर्ता आए दिन धरना प्रदर्शन जल सत्याग्रह करके लड़ाई करते रहते हैं ताकि खनन में रोक लग सके। ऐसे ही एक सामाजिक कार्यकर्ता उषा निषाद भी हैं जिन पर इस समय संकट के बादल मंडरा रहे हैं तो बने रहिए इस पूरे वीडियो को देखने के लिए और इस चर्चा को सुनने के लिए मेरे साथ जासूस या जार्नालिस्ट पर कि आखिरकार उस पर किस तरह के संकट के बादल मंडरा रहे हैं और इसके पीछे की कहानी क्या है।

दोस्तो बकरेज के दौरान जासूसी में निकल कर आया कि उषा निषाद जो लंबे अरसे से लड़ाई लड़ती आ रही हैं उनका गांव के देव नारायण निषाद से लड़कियों की छेड़खानी को लेकर के झगड़ा हुआ था जिसकी f.i.r. उन्होंने मई के महीने में दर्ज की थी एफ आई आर दर्ज होने के बाद 24 मई को देवनारायण ने गांव में पंचायत बैठाई समझौते के लिए लेकिन उषा निषाद पहले ही कई बार उन्हें समझा चुकी थी। इसलिए वह समझौता करने को तैयार नहीं हुई दूसरी तरफ खनन की लड़ाई बराबर लड़ ही रही थी तो उस लड़ाई में उन्हे सफलता प्राप्त हुई और चार खादाने बंद हो गई।

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इसको लेकर ऊषा और जयराम के बीच झगडा चल रहा था| जयराम ने ऊषा के ऊपर धन उगाही और चरित्र पर लांछन लगाया, जिसकी एफ आई आर जून के महीने में ऊषा ने जयराम बछेवरा जो खनन माफिया माने जाते है उनके खिलाफ दर्ज की और फिर जयराम सीओ सदर से मिलकर उषा के ऊपर समझौते का दबाव बनाने लगा। ऊषा का आरोप है कि जब दबाव में कामयाब नहीं हुआ तो उसने देव नरायण को मोहरा बना कर उसके खिलाफ साजिश तो इस तरह कि रची है।

निषाद बताती हैं कि जयराम ने देव नरायण को मोहरा बनाकर ऊषा के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवा दी है, जिसमें उसके बहन के बेटे और एक पड़ोसी जो खदानो की फोटो विडियो लेता था। उनको भी 376 में फंसाया जा रहा है| लेकिन वह हाईकोर्ट तक जाएगी और अपनी लड़ाई आर-पार लड़ेगी लेकिन न्याय पाकर ही रहेंगी। ऊषा निषाद कहती है कि वह इकॉनमी जांच से लेकर सीबीआई जांच तक की मांग कर रही है अगर जांच में उस को दोषी करार दिया जाता है तो वह सजा भोगने के लिए तैयार है एक बार भी पीछे नहीं हटेगी लेकिन अगर उसने गलती नहीं की है तो जो लोग यह साजिश रच रहे हैं उनके खिलाफ भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए क्योंकि वह लोग हमेशा उसे धमकी देते रहते हैं कि जिस तरह से वह लड़ाइयां लड़ती है और उनके बीच में आती है तो वह किसी दिन उसका सर तक कटवा लेंगे।

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खपटिहा चौकी चौकी इंचार्ज ओमप्रकाश बताते हैं कि जिस केस मे ऊषा निषाद वादी है। उस केस के चार आरोपी जेल चले गए हैं 4 सीट लग गई है अब आगे कोर्ट का मामला है और जिस केस में देव नरायण वादी है उस केस की विवेचना वह कर रहे हैं जो विवेचना में आएगा उस हिसाब से आगे की कार्यवाही होगी फिलहाल नाबालिक लड़की के बयान जो बता रहे हैं उसी आधार से विवेचना चल रही है आगे उस केस में वह कोई भी टिप्पणी या बातचीत करने के लिए तैयार नही था।

जिस तरह से उसे निषाद को फसाया जा रहा है उसमें कितनी सच्चाई है यह तो जांच का विषय है लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या जो ऊषा बता रही है की बालू माफिया जयराम बछेवड़ा के चक्रव्यू की साजिश के तहत उसके साथ इस तरह का बर्ताव किया जा रहा है और इसमें सीईओ सत्य प्रकाश भी शामिल है क्योंकि पुलिस को तो रकम मिल रही है तो क्या वह सच है| अगर यह सच है तो तो बहुत ही निंदनीय है और कानून व्यवस्था की एक तरह से अनदेखी कर हत्या की जा रही है यह सवाल पुलिस प्रशासन के ऊपर खड़ा करता है तो यह थी मेरी आज की जासूसी भरी कहानी अगली बार फिर मिलूंगी किसी ने मुद्दे के साथ तब तक के लिए दीजिए रजत नमस्कार।

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