खबर लहरिया चुनाव विशेष बिहार: “पंचायत चुनाव आया, तो वापस भागा कोरोना”

बिहार: “पंचायत चुनाव आया, तो वापस भागा कोरोना”

जैसा कि हम सब जानते हैं कि लगभग पिछले दो सालों से जहाँ एक तरफ पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है, सबके जीवन मनाओ थम से गए हैं, लाखों लोगों ने अपनों खो दिया तो न जाने कितने लोगों को अपने रोजगार से हाँथ धोना पड़ा। लेकिन इस बीच इस बीच भारत में एक चीज़ जो नहीं रुकी वो थे चुनाव। इन दो सालों में देश के अलग-अलग हिस्सों में चुनाव प्रक्रिया ज़ोरोशोर से होती रही, और कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन न करने के चलते कोरोना वायरस ने भी रफ़्तार पकड़ ली।

अप्रैल-मई 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया हुई, पंचायत चुनाव ड्यूटी पर तैनात राज्य सरकार के 2,000 से अधिक कर्मचारियों की कोविड-19 की चपेट में आकर मौत हो गई।
पश्चिम बंगाल में भी कुछ महीनों पहले विधान सभा चुनाव हुए, और इस दौरान हज़ारों की भीड़ न ही सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन कर रही होती थी, और न ही कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन हो रहा था । परिणाम स्वरूप मार्च 2021 के अंत तक पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के केसेस में भारी इज़ाफ़ा देखने को मिला।

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बिहार में इससे पहले भी कोविड-19 के दौरान 2020 में विधान सभा चुनाव हुए थे, लेकिन तब प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी से बचाव के लिए सख्त कदम उठाए गए थे, जैसे:

• भीड़ से बचने के लिए मतदान केंद्रों को 63% तक बढ़ाया गया
• डोर-टू-डोर प्रचार पांच व्यक्तियों के समूहों तक ही सीमित था
परंतु पंचायत चुनाव के दौरान ऐसे कोई भी नियम नहीं देखने को मिला।

फिलहाल बिहार में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चालू है, लेकिन इस दौरान आम जनता तो क्या नेता-विधायक भी घातक कोरोना महामारी के खतरे के बारे में भूल चुके हैं। जहाँ कुछ लोगों ने कोरोना और चुनाव को लेकर चिंता व्यक्त करी, वहीँ कुछ लोग ऐसे भी थे जिनके अनुसार कोविड-19 अब देश से जा चुका है।

सरकार और प्रशासन भले ही कोरोना को अनदेखा कर, पंचायत चुनाव पूरा करवाएं, लेकिन आप अपना कर्त्तव्य मत भूलिएगा। और घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाकर ही निकलिएगा, हाथों को समय-समय पर सैनिटाइज़ करिये और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करिए। कोरोना अभी गया नहीं है, देश को सतर्कता की पूरी ज़रुरत है।

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