खबर लहरिया चित्रकूट महिलाओं के साथ हो रही हिंसा, सजा जरुरी या मुआवज़ा?

महिलाओं के साथ हो रही हिंसा, सजा जरुरी या मुआवज़ा?

उत्तर प्रदेश में किसी भी तरह की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को मदद करने के लिए राज्य सरकार ने लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष फरवरी 2015 में शुरू किया है।

महिला सम्मान कोष के माध्यम से हिंसा से पीड़ित महिलाओं के इलाज/ पुनर्वास के लिए 3 से 10 लाख रुपये तक की मदद दी जाती है। इसकी जमीनी हकीकत जानने के लिए हमने बुंदेलखंड से स्टोरी कवरेज किया और जाना कि क्या इसका लाभ उन महिलाओं को मिल पा रहा है।

सरकार की योजनाओं मे ये रेप के बाद मुवावजा वाली योजना भी फेल दिख रही है। रेप के बाद मुवावजा ये राशी इस लिए मिलती है। जिससे पीडित समाज मे आर्थिक रूप से मजबूत रहे और अपने केस मे खर्च होने वाली पैसों की पूर्ति कर सके, स्वास्थ्य का ध्यान रख सके। समाज कल्याण विभाग से दलित समुदाय को रेप के बाद मुवावजा मिलता है।हिंसा के खिलाफ छात्रों के समर्थन में JNU पहुंचीं दीपिका पादुकोण

लेकिन देखा जाए तो ऐसे केस जो सही मे रेप के होते हैं वो लोग मुवावजा नहीं पाते और उन्हें सही जानकारी भी नहीं होती मुवावजा कैसे और कहाँ मिलता है? सारी योजनाएं सिर्फ नाम के लिए है मुवावजा के लिए लोग भटकते हैं या धाराएं ही बदल दी जाती हैं। चित्रकूट मे पांच सालो मे अगर देखे तो हजारों की सख्या मे रेप के मामले आए हैं देखने सुनने को मिले लेकिन पुलिस के आकड़े सिर्फ 125 दिखा रहे हैं

। सरकार की ही बनाई योजनाओं मे लोग उलझ जाते हैं लोग योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक देश भर में वर्ष 2017 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,59,849 मामले दर्ज किए गए. महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार तीसरे साल वृद्धि हुई है। 2015 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,29,243 मामले दर्ज किए गए थे और 2016 में 3,38,954 मामले दर्ज किए गए थे जिसमें उत्तर प्रदेश (56,011) में दर्ज किए गए