वाराणसी ज़िले के रोहनिया ब्लॉक के कचनार गाँव में लोग आज भी बूंद‑बूंद पानी के लिए जूझ रहे हैं। हैंडपंप नहीं, कुआँ सूखा, पाइपलाइन तो है पर नलों से पानी गायब। आधा किलोमीटर दूर से सिर पर बाल्टियाँ ढोकर लाना इनकी रोज़मर्रा है— यहाँ तक कि कपड़े धोने लायक पानी भी पास की गंदी, कारखानों के अपशिष्ट से दूषित तालाब से लेना पड़ता है। दस साल से इंतज़ार, मगर हर चुनाव के बाद वादे सूखे हैं। यह रिपोर्ट गाँववासियों की उसी प्यास, संघर्ष और सवालों को आवाज़ देती है।
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