वाराणसी की रहने वाली सुनीता राजभर ने भोजपुरी म्यूज़िक इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। पैर से दिव्यांग सुनीता ने अपने हुनर से यह साबित कर दिया है कि अगर आपके पास दृणसंकल्प हो तो कुछ भी कर पाना मुमकिन है। सुनीता को बचपन से ही गाना गाने का शौक था और स्कूल में उन्होंने कई संगीत प्रतियोगिताओं में भाग भी लिया। सुनीता के घर पर भी संगीत का माहौल था। उनके पिता, दादा, चाचा भाई सभी गाने के शौक़ीन थे और संगीत सिखाते थे।
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सुनीता के जीवन ने रुख तब मोड़ा जब एक एक्सीडेंट में सुनीता का पैर टूट गया। परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के चलते उनके माँ-बाप उनका ज़्यादा इलाज नहीं करा पाए और सुनीता एक पैर से दिव्यांग हो गयीं। लेकिन अपनी इस कमज़ोरी को सुनीता ने अपने शौक और हुनर के आगे नहीं आने दिया। उन्होंने संगीत सीखा और बाहर जाकर परफॉर्म करना शुरू किया। शुरू-शुरू में रिश्तेदारों, आस-पड़ोसियों ने यह भी बोलै कि लड़की को अकेले बाहर मत भेजो लेकिन सुनीता के परिवार ने उनका पूरा साथ दिया और कुछ भी करने से कभी सुनीता को नहीं रोका।
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सुनीता वाराणसी के साथ-साथ यूपी-बिहार के कई ज़िलों में परफॉर्म करती हैं। उनका एक यूट्यूब चैनल भी है जिसपर वो अपनी परफॉरमेंस के वीडियो आए दिन डालती हैं। वो अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं।
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