जिला वाराणसी चिरई ब्लॉक के अंतर्गत फूलपुर गाँव में उगने वाला सूरजमुखी का पौधा दो कामों में इस्तेमाल किया जाता है। इसका उपयोग शादी-विवाह में सजावट के लिए भी किया जाता है। लोग इसके तेल का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए भी करते हैं। लोगों का कहना है कि सूरजमुखी के पौधे को लगाने में कम मेहनत लगती है। कम समय में इसका पौधा तैयार हो जाता है।
इसी गाँव के रहने वाले पन्ना का कहना है कि पहले वह सरसों की खेती करते थे। फिर उन्हें जानकारी मिली की सूरजमुखी के फूल को लगाने में कम समय लगता है। इसमें लागत भी कम लगती है। लोगों का कहना है कि सूरजमुखी के फूल के तेल में खाना बहुत ही स्वादिष्ट स्वाद देता है। यही तेल सौ से ढाई सौ रूपये में बिकता है।
वह कहते हैं कि उन्हें पहले सरसों की खेती में तीन से चार महीने लग जाते थे। फिर सरसों को पीटना और उसे तैयार करना होता था। लेकिन सूरजमुखी का फूल ढाई महीने में ही तैयार हो जाता है। इसमें ज़्यादा पानी भी नहीं देना होता और उन्हें काफी फायदा भी होता है।
सूरजमुखी के बीजों से निकला हुआ तेल हार्ट और शुगर के मरीज़ों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसलिए आजकल लोग सरसों के तेल से ज़्यादा रिफाइंड आयल या सुंफ्लोवेर आयल का इस्तेमाल करते दिखते हैं। और सिर्फ यही नहीं अगर आप सूरजमुखी के बीज को खाएंगे तो आपके शरीर को पोषण तो मिलेगा ही साथ ही आपकी त्वचा निखरेगी, केलेस्ट्रॉल घटेगा और बाल भी मज़बूत होंगे। सूरजमुखी के इन्हीं फायदों को देखते हुए आजकल किसान इसकी खेती की तरफ अपना रूझान बढ़ा रहे हैं। अब वाराणसी के पन्ना किसान द्वारा की गयी खेती कितनी लाभदायक रहती है यह तो समय बताएगा लेकिन अगर आप एक किसान हैं और इस वीडियो को देख रहे हैं तो सूरजमुखी की खेती के बारे में अपने नज़दीकी कृषि केंद्र पर जाकर जानकारी लीजिये क्या पता आपको भी इससे ढेर सारा फायदा हो जाए।
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