जिला वाराणसी के नगर क्षेत्र शिवपुर रानी पोखरा से जुड़े लगभग ढाई सौ कनौजिया परिवार पोखरे में कपड़ा धोकर अपना जीवनयापन करते हैं। लेकिन अब लोगों का रोजगार संकट में पड़ गया है। प्रशासन का कहना है कि वह यहां पर झील बनाएगी और उसका सुंदरीकरण होगा। जिसे लेकर लोगों का कहना है कि “लोगों के भरण पोषण कैसे चलेंगे परिवार? चिंता में पड़े हैं हम मजदूर।”
यहां के लोगों का यह भी कहना है कि इस पोखरे में वह लोग तीन पीढ़ियों से कपड़े धोकर अपनी जीविका चला रहे हैं। अगर प्रशासन पोखरे का सुंदरीकरण करती है तो उनके परिवार भूखे मर जाएंगे क्योंकि उनके पास इसके अलावा और कोई रोज़गार नहीं है। न ही उनके पास कोई नौकरी है। लोगों द्वारा लगातार लखनऊ नगर निगम से पोखरे पर धोबी घाट बनाये जाने की मांग की जा रही है ताकि वह अपना पेट पाल सकें।
जानकारी के लिए बता दें, वाराणसी में 7 घाट बनने थे जिनमें शिवपुर का भी नाम था। 5 घाटों पर धोबी घाट तो बन गया लेकिन यहां पर नहीं बना। अब उन्हें यह पता चल रहा है कि प्रशासन पोखरे पर झील बनाएगी। लोगों की बस प्रशासन से यही मांग है कि लोगों को कहीं न कहीं जगह दें ताकि वह लोग कपड़ा धोकर के जीवनयापन कर सकें या झील के पास में एक तरफ उन लोगों के लिए भी घाट बनाया जाए। इसको लेकर लगातार लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं लेकिन उन्हें बस आश्वासन ही मिल रहा है। वह कहते हैं कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वह लड़ाई लड़ते रहेंगे।
नगर आयुक्त गौरांग राठी का कहना है कि बनारस में कई घाट बनाए गए हैं और सुंदरीकरण भी हो रहा है। अगर लोगों की मांग घाट बनाने की है तो वहां पर सुंदरीकरण के साथ-साथ घाट भी बनवाया जाएगा।
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