खबर लहरिया क्राइम अपहरण के मामलों में यूपी सबसे ऊपर। जासूस या जर्नलिस्ट

अपहरण के मामलों में यूपी सबसे ऊपर। जासूस या जर्नलिस्ट

दोस्तों अपहरण के बढ़ते मामले में भी नेशनल क्राइम ब्योरो की रिपोर्ट के अनुसार यूपी पहले नंबर पर है। यह बहुत ही दुःखद घटना है लेकिन अगर प्रशासन चाहे तो कुछ भी संभव हो सकता है। अगर मैं बात करूं अभी हाल ही की तो 5 नवंबर को हुए हत्या के मामले में पुलिस ने काफी ज़ोर दिया और उसका खुलासा भी 16 नवंबर को हो गया जिससे परिवार को न्याय भी मिल पाया। यह बहुत ही अच्छी बात है तो क्या थी इस घटना के पीछे की कहानी मैं आपको आगे बताती हूं, बने रहिए इस पूरे वीडियो को देखने के लिए मेरे साथ, जासूस या जर्नलिस्ट पर।

दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जिसमें लोग जुआं ज़रूर खेलते हैं। कई बारी यह जुएं का खेल बड़ी घटनाओं का रूप भी ले लेता है। ऐसा ही एक मामला वाराणसी जिले के रहनिया थाना अंतर्गत आने वाले गंगापुर का है जहां पर 4 नवंबर को शाम जुआं खेलने घर से निकले दीपक कि 5 नवंबर को खेत में लाश मिली। इस घटना से परिवार में कोहराम मच गया।

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हमारी कवरेज के दौरान परिवार ने रो-रोकर बताया कि उनका एक बेटा तो पहले से ही लापता था जिसकी रिपोर्ट भी उन्होंने गुमशुदगी की रेहुनियि थाना मे लिखाई थी लेकिन दूसरा बेटा 4 नवंबर को शाम को घर से दिवाली मनाने को कहकर निकला था। जब वह देर रात वापस नहीं आया तो उन्होंने खोजबीन शुरू की लेकिन कहीं पर पता नहीं चला। 5 नवंबर को सुबह खेत जाते हुए लोगों ने उसको देखा तो वह मृत अवस्था में पड़ा हुआ था। उन्होंने आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी। मौके पर आई पुलिस ने उस केस को गंभीरता से लिया और परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया। फिलहाल अपराधी पुलिस की गिरफ्त में हो गया है। पुलिस ने कड़ी छानबीन के तहत उस केस का खुलासा कर दिया है जिससे परिवार को काफी राहत मिली है। फिलहाल बेटा खोने का गम तो दूर नहीं हुआ है लेकिन न्याय जरूर मिल पाया।

कवरेज के दौरान जासूसी में पुलिस परिवार और पड़ोसियों से पता चला कि मनोज उर्फ नाटे मुसहर से दीपक ने जुआ खेलने के लिए कुछ समय पहले ₹500 लिए थे। दिवाली के दिन जब वह जुआं खेल रहा था, खेल बंद होने के बाद जब वहां से गए तो उनकी उसी बात को लेकर के कहासुनी हो गई और उस मामूली विवाद ने इतना बड़ा रूप ले लिया कि ₹500 के पीछे मनोज ने दीपक की जान ले ली।

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यह बात उनके परिवार को नहीं पता थी पर पुलिस के खुलासे के बाद उन्हें जानकारी हुई। आजकल लोगों को लोगों की जान लेना कितना आसान हो गया है। यह इस घटना से पता चलता है। फिलहाल यहां पर पुलिस ने जिस तरह से कड़ी कार्यवाही की और टीमें गठित कर उसको गिरफ्तार किया यह बहुत ही अच्छी बात है।

रेहुनिया थाना पुलिस के मुताबिक मुकदमा अपराध संख्या 493/2021 धारा 302/201भादवि व 3(2) एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा लिखा गया था। इस मामले में दो टीमे बनाकर 16 नवंबर को मुखबिर की सूचना पर एक मन्दिर के चबुतरे का घेराव कर आरोपी मनोज को पकड़ कर जेल भेज दिया है।

एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में 2019 की तुलना में 2020 में अपहरण के मामलों में कमी आई है| लेकिन यूपी में फिर भी सबसे ज़्यादा 12 हज़ार 9 सौ 13 अपहरण के मामले दर्ज हुए है।

सवाल ये उठता है कि जहां पर इतना ज्यादा क्राइम बढ़ रहा है। एक तरफ क्राइम ब्यूरो रिपोर्ट के अनुसार भारत में आंकड़े कम बताए जा रहे हैं। 2019 से 20 की तुलना में तो दूसरी तरफ यूपी अभी भी इतना आगे है और कितनी घटनाएं तो दर्द ही नहीं होती जिनका कोई आंकड़ा नहीं होता। आखिरकार यह केस क्यों इतना बढ़ रहे हैं? इसका कारण पुलिस प्रशासन या सरकार क्यों नहीं बता पा रही? सवाल यह भी उठता है कि अगर जिस तरह से वाराणसी पुलिस ने इस केस में चुस्ती दिखाई है और खुलासा किया है उसी तरह अगर हर केस में पुलिस कार्यवाही करें तो परिवार को न्याय भी मिल सकता है और क्राइम की बढ़ती घटनाओं में रोक भी लग सकती है,तो दोस्तों ये थी मेरी आज की जासूसी भरी कहानी। अगली बार फिर मिलूंगी, किसी नए मुद्दे के साथ तब तक के लिए दिजिए इज़ाज़त नमस्कार।

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